जरा हटके

आस्था या अंधविश्वास! पांच साल से गिरा पीपल का पेड़ अचानक हो गया खड़ा, वैज्ञानिक भी हुए भौचक्के

Gulabi
28 Sep 2021 12:09 PM GMT
आस्था या अंधविश्वास! पांच साल से गिरा पीपल का पेड़ अचानक हो गया खड़ा, वैज्ञानिक भी हुए भौचक्के
x
वैज्ञानिक भी हुए भौचक्के

सदर तहसील के डकशरीरा करीब सप्ताह भर पहले एक अद्भुत घटना हुई। पांच साल पहले गिरे जिस पीपल के पेड़ को व्यापारी कई टुकड़ों में काटकर घर ले जा चुका था। उसी के बचे हुए कुछ हिस्से (तने) इस बार बरसात में फिर से जुड़ गए। तने जुड़े ही नहीं बल्कि एक विशालकाय पेड़ की शक्ल में खड़े भी हो गए हैं। यह बात पूरे इलाके में जंगल की आग की तरह फैल गई है। लोग इसे दैवीय शक्ति मानकर पूजा-पाठ के लिए वहां पहुंच रहे हैं।

डकशरीरा निवासी इंद्रनारायण चौबे के बाग में पीपल का एक बड़ा पेड़ था। पांच साल पहले हुई बरसात के दौरान पीपल का पेड़ गिर गया। इस पर इंद्रनारायण ने पेड़ का एक व्यक्ति के हाथ सौदा कर दिया था। खरीदार ने पेड़ की शाखाएं काट कर ले गया, लेकिन तने के हिस्सों को चार भागों में काटकर छोड़कर कर चला गया।
तब से वह वापस नहीं आया। इंद्र नारायण ने भी पेड़ की तरफ ध्यान नहीं दिया। पिछले सप्ताह हुई बरसात के दौरान एक अजीब घटना ने लोगों को चौंका दिया। तने के अधकटे हिस्से न सिर्फ आपस में जुड़े बल्कि पेड़ की तरह खड़े हो गए। यह बात धीरे-धीरे पूरे इलाके में जंगल की आग की तरह फैल गई। सोमवार को जहां पेड़ खड़ा हुआ था वहां बड़ी संख्या में लोग दर्शन-पूजन के लिए भी पहुंचे।
आस्था या अंधविश्वास वैज्ञानिक भी भौचक
कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. मनोज का कहना है कि वैज्ञानिक तौर पर ऐसी घटनाओं के प्रमाण नहीं है। यह हो सकता है कि कहीं पेड़ काटा गया हो और उसका तना या जड़ें जमीन के काफी नीचे रह जाने के कारण पेड़ दोबारा खड़ा हो सकता है। लेकिन इस तरह की घटना समझ से परे है। फिलहाल इसे अंधविश्वास ही कहा जा सकता है।
पूजा, पाठ, चढ़ावा, अब चबूतरे की बारी
स्थानीय लोगों की मानें तो जहां पर पीपल के वृक्ष का पुर्नजन्म हुआ है, वहां पर अब चबूतरा बनाकर पूजा-पाठ कराने की तैयारी है। सूत्रों की मानें तो यहां तक दान पेटिया व खुला दान लिए जाने की भी योजना तैयार कर ली गई है। जिस परिवार का यह वृक्ष है वह इस पर विचार कर रहा है।
वन विभाग नहीं दे सका कोई जानकारी
जनता से रिश्ता अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाली खबरों से दूरी भी बनाता है। पीपल के वृक्ष की सच्चाई जानने के लिए संवाददाता ने वन विभाग के लोगों से कई बार फोन पर हकीकत जानने का प्रयास किया गया, लेकिन कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं हुआ। गांव के लोगों से इतना जरूर पता चला कि जिस वक्त व्यापारी टहनियों को कटवाने के बाद तना कटवा रहा था तो उसका आरा कई बार टूटा। जानकारों की मानें तो पुराने पौधे में गांठ होने के कारण भी ऐसा हो सकता है। तने पर चार जगह आरे के निशान थे, लेकिन कोई भी तना समूचा नहीं कट सका था।
Next Story