जरा हटके
बच्ची के जिस दर्द को कब्ज़ कहकर बार-बार वापस भेज देते थे हर डॉक्टर, लेकिन वो तो निकला जानलेवा बीमारी
Gulabi Jagat
8 April 2022 9:54 AM GMT

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बच्ची को हुआ जानलेवा बीमारी
दर्द कोई भी उसे इंग्नोर करना खतरनाक हो सकता है. कई बार लोग तो अपनी समस्या को लोकर सजग रहते हैं मगर डॉक्टरों की लापरवाही बड़े खतरे को बुलावा भेज देती. मेडिकल फिल्ड ऐसा होता है जहां सामान्य इंसान बहुत गहरी पकड़ नहीं रखता. मामला ज़िंदगी से जुड़ा होता है लिहाज़ा डॉक्टर पर ही सारी निर्भरता रहती है. ऐसे में डॉक्टर की एक गलती किसी इंसान की जान पर भारी पड़ सकती है.
यूके में ब्रॉडी बर्गेस नाम की 7 साल की बच्ची ने सालों तक जो दर्द झेला लेकिन वक्त रहते किसी डॉक्टर ने इलाज नहीं किया. हर डॉक्टर दर्द को कब्ज़ कहकर टालता रहा, लेकिन जब बच्ची को कई राहत न मिलते देखा तो मां चेरी फिर एक नए अस्पताल गई बच्ची की स्कैनिंग कराने बिना कही न जाने की बात पर अड़ गई. फिर क्या था. ब्रॉडी की स्कैनिंग हुई तो पता चला कि जिसे कब्ज़ समझा गया वो तो ट्यूमर बन गया ऐसी सच्चाई कि मां के पैरों तले ज़मीन खिसक गई. बेटी को ट्यूमर (tumour) हो गया था.
बच्ची का था खतरनाक कैंसर
कई अस्पतालों के चक्कर लगा कर चेरी थक गई लेकिन फिर उसका दिमाग घूम गया जब उसने बेटी की pelvis पर एक गांठ देखी. तुरंत अस्पताल गई और स्कैन में 10 सेमी के ट्यूमर का पता चला. फिर डॉक्टर ने बताया की पेट के आसपास के सॉफ्ट टीशूज़ में लगभग 10 सेमी का ट्यूमर है. जो Rhabdomyosarcoma कैंसर का एक रूप था, ये बच्चों में मांसपेशियों के ऊतकों को प्रभावित करता है. इस जानकारी के बाद दो सालों तक मां-बेटी ने अस्पताल के खूब चक्कर लगाए. वो दौर पूरे परिवार के लिए बहुत भारी रहा. बीमारी बेहद खतरनाक थी. जिससे उबरने में वक्त लगा हालांकि खतरा अभी चला नहीं है.
ब्रॉडी अब ठीक है, मगर फिर लौट सकता है कैंसर
क्रॉयडन की रहने वाली चेरी ने मायलंदन से कहा कि वो कभी न भूलने वाला वक्त था. सालों तक अस्पताल के चक्कर लगाते रहने से दोस्त, परिवार से दूरी बढ़ गई. उनसे मिले और देखे अरसा हो गया था. मासूम सी ब्रॉडी ने नन्हीं सी उम्र में जीवन का सबसे बड़ा कष्ट झेला. ट्रिटमेंट के दौरान कीमोथेरेपी से उसे सैरे बाल झड़ गए. मगर बच्ची ने अपने चेहरे से मुस्कान जाने नहीं दी. किसी मैच्योर इंसान की तरह समझदार बनी रही. हौसला बनाए रखा. आखिरकार इलाज सफल हुआ. ब्रॉडी ठीक हो गई. कुछ समय बाद उसके घने घुंघराले बाल भी वापस आ गए जिसने सिरे से जीने की वजह दे दी. लेकिन डॉक्टर्स का कहना है कि कैंसर कभी भी वापस आ सकता है लिहाज़ा हम हर दिन को आखिरी दिन की तरह जी रहे हैं.
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