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बड़े से बड़े भूकंप के झटके भी नहीं हिला पाए ये पत्थर, जाने वजह

Ritisha Jaiswal
3 Nov 2021 8:05 AM GMT
बड़े से बड़े भूकंप के झटके भी नहीं हिला पाए ये पत्थर, जाने वजह
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दुनिया में कुछ ऐसी चीजें या घटनाएं होती हैं, जो लोगों के बीच हमेशा के लिए चर्चा का विषय बन जाती हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | दुनिया में कुछ ऐसी चीजें या घटनाएं होती हैं, जो लोगों के बीच हमेशा के लिए चर्चा का विषय बन जाती हैं। मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक ऐसा ही पत्थर है जो अपनी बनावट को लेकर चर्चा में बना रहता है। इसे बैलेंसिंग रॉक कहा जाता है। कई क्विंटल वजनी ये पत्थर महज कुछ इंच के बेस से अपनी जगह पर खड़ा है। इसका बैलेंस ऐसा है कि बड़े से बड़े भूकंप के झटके भी इसे आज तक नहीं हिला पाए हैं।

आज भी लोगों के बीच रहस्य बना हुआ है कि इतने कम बेस पर ये पत्थर इतनी मजबूती से कैसे टिका हुआ है। इसी रहस्य को देखने के लिए यहां हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। कई विशेषज्ञों ने भी इसके रहस्य को सुलझाने की कोशिश की है, लेकिन उनका जवाब यही होता है कि यह पत्थर गुरुत्वाकर्षण बल के कारण टिका हुआ है। आइये जानते हैं जबलपुर की बैलेंसिंग रॉक के बारे में ...
एमपी का जबलपुर शहर ग्रेनाइट चट्टानों के लिए काफी फेमस है। इन्हीं चट्टानों के बीच में स्थित मदन महल की पहाड़ियों पर रानी दुर्गावती का किला है। रानी दुर्गावती के किले के पास ही बैलेंस रॉक स्थित है। यहां पर एक बड़ी सी चट्टान के ऊपर एक दूसरी चट्टान रखी हुई है। इसे देखने से ऐसा लगता है जैसे ये किसी भी वक्त गिरने वाली है। मगर यह कई सालों से इस स्थिति में रखी हुई है। इस बैलेंस रॉक को देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं।

बड़े से बड़े भूकंप के झटके भी नहीं हिला पाए इसे

साल 1997 में 22 मई को भूकंप आया था, जिसने जबलपुर में भारी तबाही मचाई थी। उस दौरान कई इमारत भूकंप के झटकों से जमींदोज हो गए थे। कई जानें भी गई थीं, लेकिन पूरे शहर में एक बैलेंसिंग रॉक ही था, जिस पर भूकंप के झटकों का कोई असर नहीं पड़ा था। 1997 में आए भूकंप की तीव्रता 6.2 थी। लेकिन यह पत्थर अपने स्थान से हिला तक नहीं था। यही वजह है कि इसे बैलेंसिंग रॉक कहा जाता है और लोगों के बीच हमेशा चर्चा का विषय बना रहता है।

सालों से टिका है ये पत्थर
जबलपुर में ये पत्थर हजारों साल से ऐसे ही टिका हुआ है। इसके बारे में पुरातत्वविद का कहना है कि ये चट्टानें मैग्मा के जमने से निर्मित हुई होंगी। जबलपुर के आसपास के इलाकों में कई बैलेंसिंग रॉक हैं। पुरातत्वविद ये भी मानते हैं कि भूकंप के लिहाज से जबलपुर काफी संवेदनशील क्षेत्र है। ऐसे में कुछ लोग ये भी मानते हैं कि ये चट्टान गुरुत्वाकर्षण बल के कारण यहां टिका हुआ है।

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