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कन्याकुमारी नहीं ये है भारत का सबसे आखिरी पॉइंट, भगवान राम से जुड़ी एक पौराणिक कथा

Shiddhant Shriwas
28 Aug 2021 4:45 AM GMT
कन्याकुमारी नहीं ये है भारत का सबसे आखिरी पॉइंट, भगवान राम से जुड़ी एक पौराणिक कथा
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अगर आप से ये सवाल पूछा जाए कि भारत का सबसे दक्षिणतम बिंदु कौन सा है? तो अधिकतर लोगों का उत्तर होगा कन्याकुमारी

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अगर आप से ये सवाल पूछा जाए कि भारत का सबसे दक्षिणतम बिंदु कौन सा है? तो अधिकतर लोगों का उत्तर होगा कन्याकुमारी। हालांकि ये उत्तर गलत है। आपको बता दें कि भारत का सबसे दक्षिणतम बिंदु इंदिरा पॉइंट है। ये भारत के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के अंतर्गत आने वाले निकोबार जिला और ग्रेट निकोबार के आधीन आता है। प्रशासनिक स्तर पर अगर देखा जाए तो इंदिरा पॉइंट लक्ष्मी नगर पंचायत के अंतर्गत आता है। इंदिरा पॉइंट भारत का सबसे दक्षिणतम हिस्सा है। भारत की सामरिक, कूटनीतिक और सुरक्षा की दृष्टि से इस स्थान का काफी खास महत्व है। इस जगह पर जहाजों को रास्ता दिखाने के लिए एक लाइट हाउस भी है, जिसकी शुरुआत साल 1972 में की गई थी। ये भारत के रास्ते मलेशिया या मलक्का स्ट्रेट की तरफ जाने वाले जहाजों को रास्ता दिखाता है। इस बिंदु का नाम भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर पड़ा था।

इंदिरा पॉइंट पर कैंपबेल खाड़ी में एक छोटा सा गांव स्थित है। इस गांव को मिनी पंजाब के नाम से जाना जाता है। इस जगह पर एक गुरुद्वारा भी है। आपको बता दें कि इंदिरा पॉइंट पर स्थित कैंपबेल खाड़ी को भारत के सबसे रहस्यमय स्थानों में गिना जाता है। 2011 की जनगणना रिपोर्ट की मानें तो यहां पर केवल 4 परिवार ही रहता है, जिनकी कुल सदस्यों की संख्या 27 है।

कूटनीतिक और रणनीतिक दृष्टि से ये जगह भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। शुरुआत में इस जगह को पिग्मेलियन पॉइंट के नाम से जाना जाता था। वहीं जब 1984 में इंदिरा गांधी की मृत्यु हुई, तो इस जगह का नाम बदलकर इंदिरा पॉइंट रख दिया गया। इस जगह की साक्षरता दर 85 प्रतिशत है।

व्यापारिक, कूटनीतिक और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने की वजह से यहां पर बड़ी मात्रा में सैनिक तैनात रहते हैं। भगवान राम से जुड़ी एक पौराणिक कथा भी यहां पर प्रचलित है। इस जगह से बंगाल की खाड़ी काफी शांत दिखती है। वहीं मन्नार की खाड़ी में काफी तेज लहरें उठती हैं। मान्यता है कि जब भगवान राम ने लंका में जाने के लिए समुद्र से रास्ता मांगा तो उसने भगवान को रास्ता दिखाने से मना कर दिया।

इसके बाद भगवान क्रोधित हो उठे और अपना धनुष बाण उठा लिया। इसे देख समुद्र ने अपनी गलती के लिए भगवान राम से क्षमा मांगी और उन्हें रास्ता दिखाया। उसी समय से एक तरफ का समुद्र शांत है और दूसरी तरफ में काफी विशाल लहरें उठती रहती हैं।

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