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पहले 25 मार्च को मनाया जाता था नया साल, वर्ष 1582 से1 जनवरी बना नया साल

Tulsi Rao
31 Dec 2021 4:05 AM GMT
पहले 25 मार्च को मनाया जाता था नया साल, वर्ष 1582 से1 जनवरी बना नया साल
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वेरिएंट ओमिक्रॉन ने तबाही मचा रखी है. इसके बाद भी लोग नए साल के स्वागत के लिए तैयार हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Happy New Year 2022: आज रात में 12 बजे साल 2021 खत्म हो जाएगा. इसके बाद नए साल 2022 की शुरुआत होगी. अभी से ही लोगों ने नए साल की तैयारियां शुरू कर दी है. साल 2021 की बात करें तो पिछले साल कोरोना महामारी ने नए साल के जश्न पर ग्रहण लगा दिया था. अभी भी दुनियाभर में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने तबाही मचा रखी है. इसके बाद भी लोग नए साल के स्वागत के लिए तैयार हैं.

पहले 25 दिसंबर को मनाया जाता था नया साल
नए साल में लोग अपनी पुरानी और बुरी यादों को पीछे छोड़कर एक नई शुरुआत करते हैं. क्या आप जानते हैं कि पहले नया साल 1 जनवरी को नहीं मनाया जाता था. आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि पहले नया साल कभी 25 मार्च को तो कभी 25 दिसंबर को मनाया जाता था. सबसे पहले नया साल 1 जनवरी को 15 अक्तूबर 1582 को मनाया गया था.
दरअसल, रोम के राजा नूमा पोंपिलस ने रोमन कैलेंडर में बदलाव किया था. इसके बाद रोमन कैलेंडर में साल का पहला महीना जनवरी को माना गया. जबकि पहले मार्च को साल का पहला महीना माना जाता था. बता दें कि मार्स (mars) यानि मंगल ग्रह पर मार्च का नाम रखा गया है. रोम में मंगल ग्रह को युद्ध का देवता माना जाता है. जो कैलेंडर सबसे पहला बनाया गया था उसमें मात्र 10 महीने होते थे. तब एक साल में 310 दिन होता था तथा 8 दिन का एक सप्ताह होता था.
इसके बाद रोम में एक शासक आए जूलियस सीजर. उन्होंने रोमन कैलेंडर में बदलाव करवाया. उन्होंने एक साल में 12 महीने कर दिए. सीजर ने खगोलविदों से मुलाकात के बाद कैलेंडर बनवाया था. इस मुलाकात में उन्हें पता चला था कि पृथ्वी 365 दिन और छह घंटे में सूर्य का एक चक्कर लगाती है. इसकी वजह से उन्होंने एक कैलेंडर में 365 दिन का साल करवाया.
1582 में 1 जनवरी को माना गया नया साल
हालांकि साल 1582 में पोप ग्रेगरी ने जूलियन कैलेंडर में लीप ईयर को लेकर एक गलती निकाली थी. तब के मशहूर धर्म गुरू सेंट बीड ने पोप ग्रेगरी को सलाह दी थी कि एक साल में 365 दिन, 5 घंटे और 46 सेकंड होते हैं. इसके बाद रोमन कैलेंडर में बड़ा बदलाव कर नया कैलेंडर बनाया गया और 1 जनवरी को नया साल माना जाने लगा.


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