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आ रही है डेथ मशीन, वर्चुअल तकनीक से लोग देख सकेंगे अपनी मौत

jantaserishta.com
5 July 2021 5:43 AM GMT
आ रही है डेथ मशीन, वर्चुअल तकनीक से लोग देख सकेंगे अपनी मौत
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साल 2010 में ऋतिक रोशन और ऐश्वर्या राय स्टारर फिल्म गुजारिश रिलीज हुई थी. इस फिल्म में ऋतिक एक आर्टिस्ट की भूमिका में थे जो अपनी गंभीर बीमारी के चलते जीने की उम्मीदें छोड़ चुके हैं और मरना चाहते हैं. मनचाही मौत की इस प्रक्रिया को यूथनेशिया भी कहा जाता है. अब लोगों को ऐसी ही गरिमापूर्ण मौत देने के कॉन्सेप्ट के चलते डॉक्टर फिलीप निश्के चर्चा में हैं.

डॉक्टर फिलीप ने कुछ साल पहले एमस्टर्डम के फ्युनरल फेयर में एक डेथ मशीन का डेब्यू कराया था लेकिन अब इस मशीन में खास फीचर भी जुड़ गया है. ये मशीन पहले सिर्फ उन लोगों के लिए थी जो मरना चाहते हैं लेकिन इस वर्चुएल तकनीक से लोग अब अपनी मौत को देख सकते हैं.
दरअसल वर्चुएल रियैलिटी के जरिए मरने से पहले ही अपनी खुद की मौत को इस मशीन के सहारे देखा जा सकता है. गौरतलब है कि वर्चुएल रियैलिटी एक ऐसी कंप्यूटर तकनीक है जिसके सहारे एक कृत्रिम वातावरण को गढ़ा जाता है. इस तकनीक में शरीर के महत्वपूर्ण सेंसेज को प्रभावित कर एक बेहद रियल वातावरण को तैयार करने की कोशिश की जाती है.
गौरतलब है कि 90 के दशक में इस डॉक्टर ने अपने चार ऐसे मरीजों को इंजेक्शन दिया था जिनकी बीमारी कभी ठीक नहीं हो सकती थी. ये लोग जिंदगी से संघर्ष कर थक चुके थे और इनके बचने की कोई उम्मीद नहीं थी. डॉ फिलीप ने कानून के मुताबिक, इन चारों मरीजों को मौत दी थी. इसके बाद से ही उनके दिमाग में इस आइडिया का निर्माण होना शुरु हुआ.
डॉक्टर फिलीप का मानना है कि चूंकि जिंदगी और मौत एक बार ही मिलती है तो क्यों ना गरिमापूर्ण तरीके से दुनिया को अलविदा कहा जाए. इसके बाद ही डॉक्टर फिलीप ने सारको नाम की मशीन पर काम करना शुरू किया था. सारको वेबसाइट के मुताबिक, जब भी कोई शख्स इस मशीन में बैठता है तो ऑक्सीजन की मात्रा तेजी से कम होने लगती है वही कार्बनडाइऑक्साइड की मात्रा भी कम लेकिन स्थाई रहती है और इसे कई मायनों में दर्दरहित खुशी से भरी मौत भी कहा गया है.
डॉक्टर फिलीप ने वाइज न्यूज के साथ बातचीत में कहा कि ये मशीन उन लोगों के लिए है जो इस दुनिया से यादगार तरीके से विदा लेना चाहते हैं. इस मशीन को आप अपनी फेवरेट जगह पर भी ले जा सकते हैं. सबसे पहले आपका मानसिक संतुलन चेक किया जाता है. अगर आप पास हो जाते हैं तो आपको एक कोड दिया जाता है.
उन्होंने आगे कहा कि इस कोड के सहारे ही आप इस मशीन को एक्सेस कर सकते हैं. आप इस मशीन का दरवाजा खोलते हैं, इसके अंदर जाते हैं और बटन दबा देते हैं. इस दौरान इस मशीन में ऑक्सीजन लेवल घटने लगता है लेकिन आपको ना तो कोई दर्द होगा और ना ही किसी तरह की घुटन महसूस होगी.
उन्होंने आगे कहा कि इसके बाद ये बायोडिग्रेडेबल कैप्सूल डिटैच हो जाती है और धरती में समां जाती है और ये किसी भी इंसान के ताबूत के तौर पर भी काम आ सकती है. आप अपने परिवारजनों को अलविदा कहकर अपनी यात्रा पर निकल सकते हैं. इस प्रक्रिया से मौत शांतिपूर्ण तरीके से होती है.


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