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मगरमच्छ ने शिकारी को बना लिया शिकार, ट्रॉफी हंटर की मौत पर कहीं खुशी कहीं गम, लोगों ने बताया कर्मों का फल

Gulabi Jagat
7 April 2022 5:47 AM GMT
मगरमच्छ ने शिकारी को बना लिया शिकार, ट्रॉफी हंटर की मौत पर कहीं खुशी कहीं गम, लोगों ने बताया कर्मों का फल
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मगरमच्छ ने शिकारी को बना लिया शिकार
ट्रॉफी हंटर्स को लेकर एनिमल वेलफेयर हमेशा से ही अग्रेसिव रहा है. लेकिन दक्षिण अफ्रीका के स्कॉट वैन ज़ाइल उन शिकारियों में शामिल थे जिन्हें एक से एक बड़े और खूंखार जानवरों के शिकार में महारत हासिल थी. लेकिन बेजुबानों को अकारण मौत की नींद सुलाने का कोई समर्थन नहीं करता यही वजह है कि जब सबसे बड़ा शिकारी खुद शिकार बना तो उसकी मौत पर आंसू से ज्यादा जश्न मना. दरअसल एक हंटिंग ट्रिप के दौरान मगरमच्छ ने स्कॉट को अपना शिकार बना लिया.
स्कॉट वैन जाइल (Scott Van Zyl) केवल शिकारी नहीं थे बल्कि शिकारी होने के साथ-साथ एक सफारी कंपनी का संचालन भी करते थे जहां वो लोगों को अपन साथ बड़े हंट गेम पर ले जाया करते थे इस दौरान वो खुद तो शेर, चीता, जिराफ और हाथी जैसे जानवरों को अपना निशाना बनाते ही थे बाकी लोगों को भी इसमें पारंगत करने की शिक्षा देने लगते थे. ऐसे शिकारी कभी पसंद नहीं किए जाते जो अकारण केवल प्रसिध्दी पाने के लिए बेजुबानों का शिकार करते थे. यही वजह रही की बड़े हंटर वैन जाइल की मौत पर लोगों ने इसे उनके कर्मों का फल कहा. मामला कई साल पुराना है जिसे अब IFS सुशांत नंदा ने अपने ट्विटर पर शेयर कर कैप्शन लिखा- "Karma… Trophy hunter who targeted elephants and lions gets eaten by crocodiles"

मगरमच्छ ने शिकारी को बना लिया शिकार
जैसी करनी वैसी भरनी. कहावत पुरानी है मगर आज भी कई बार बिल्कुल समिचीन लगती है. 2017 में वैन ज़ाइल ज़िम्बाब्वे में अपनी शिकार यात्रा पर थे. लेकिन ये पहली बार भी जब शिकार कर वापस लौटे ही नहीं बल्कि खुद शिकार बन गए. काफी देर के इंतज़ार के बाद जब वो नहीं आए तो ट्रैकर कुत्तों की मदद से उनकी तलाश तेज़ की गई मगर वो कहीं नहीं मिले, कुछ दूरी पर नदी किनारे उनका कुछ सामान और पैर के निशान मिले थे. दरअसल वो मगरमच्छों की तलाश में गए थे जहां से गायब हो गए. फिर स्थानिय अधिकारयों ने मगरमच्छों की जांच में जुटे तो मानव अवशेष मिले जिनकी DNA जांच में वैन जाइल के होने की पुष्टि हो गई.
शिकारी के लिए भी जोखिम भरा है खूंखार जानवरों का शिकार
वन ग्रीन प्लैनेट ने शिकारी की मौत पर कहा कि इन्हीं वजहों से ट्रॉफी हंटिंग की परमिशन नहीं देनी चाहिए. ये खुद शिकारी के लिए भी घातक हो सकता है. एक ने लिखा कि क्या वाकई शिकार करने के रोमांच अपनी खुद की जान से ज्यादा महत्वपूर्ण है? वहीं शिकार के खेल के चलते कई जानवरों की प्रजातियां विलुप्ती की कगार पर पहुंच गई है. भारी नुकसान और संरक्षण समूहों की आपत्ति के बावजूद कई जगहों पर शिकार को कानूनी मान्यता प्राप्त है.
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