जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना ने लोगों की जिंदगी बदल कर रख दी है. किसी की नौकरी चली गयी तो किसी का बिजनेस ठप हो गया. इस महामारी ने लोगों की लाइफ में ऐसी उथलपुथल मचाई जिसे संभालना उनके लिए मुश्किल हो रहा है. लेकिन अगर आपको पता चले कि किसी को कोरोना की वजह से फायदा भी हुआ है. जी हां, ये सच है जहां पूरी दुनिया इस महामारी से लड़ने के तरीके खोज रही है वहीं एक लड़की ने इसकी मदद से अपनी बीमारी को कंट्रोल कर खुद को फिट एंड हेल्दी बना लिया. सोशल मीडिया पर भी इस लड़की के काफी चर्चे हैं.
लॉकडाउन जहां कई लोगों के लिए मुसीबत बन कर आया वही बेली के लिए ये काफी फायदेमंद साबित हुआ. फिटनेस इंस्ट्रक्टर बेली हट्ट (Belle Hutt) साल 2012 से ही नारकोलेप्सी (Narcolepsy) नाम की बीमारी से ग्रस्त हैं. इस बीमारी के चलते उन्हें दिन में कई-कई बार नींद आती थी लेकिन फिटनेस और कोरोना ने उनकी जिंदगी बदलकर रख दी है. बेली को नारकोलेप्सी की वजह से स्लीप अटैक पड़ते थे जिसके चलते वे कहीं भी, कभी भी सो जाया करती थी. कई बार तो वे दिन में 16-16 घंटों तक सोती रहती थीं.
बेली ने इस बीमारी के चलते 16 साल की उम्र में स्कूल छोड़ दिया था. वे पहले इंटीरियर डिजाइन की पढ़ाई करने के लिए यूनिवर्सिटी जाना चाहती थीं लेकिन उन्हें एहसास हो गया था कि वे शायद ऐसा नहीं कर पाएंगी. बेली को अंदाजा था कि वे 9 से 5 की जॉब में काम नहीं कर पाएंगी. अपनी इस बीमारी के चलते बेली काफी स्ट्रेस में रहने लगी थीं. एक दिन बेली ने रनिंग करने का फैसला किया और जब वे वापस लौटीं तो काफी एक्टिव फील कर रही थी.
उसके बाद से ही बेली ने एक्सरसाइज को अपना कैरियर बनाने का फैसला किया, क्योंकि एक्सरसाइज की हेल्प से उनकी हेल्थ अच्छी हो रही थी और वे बीमारी से भी लड़ पा रही थीं. बेली ने लॉकडाउन के दौरान अपने ऑनलाइन फिटनेस सेशन्स शुरु किए. जिससे उनकी कमाई भी होने लगी और वे घर पर ही अपने स्लीप शेड्यूल को भी मैनेज कर पा रही थीं. बेली को अब भी दिन में कई बार सोने की जरुरत पड़ती है लेकिन वे मानती हैं कि एक्सरसाइज के चलते उनकी जिंदगी बदल पाई है और अब वे इस बीमारी से जूझ रहे बाकी लोगों को भी मोटिवेट करती हैं.