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चीन रजिस्ट्रेशन सेंटर की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि
बीजिंग: चीन रजिस्ट्रेशन सेंटर (China Registration Center) की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) के डर से चीन के युवक अपनी वसीयत (Young Chinese People Writing Wills) लिख रहे हैं. रिपोर्ट के आधार पर साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने कहा कि बड़ी संख्या में युवा अपनी वसीयत समय से पहले तैयार करवा रहे हैं.
इतने फीसदी बढ़ी वसीयत लिखने वाले युवाओं की संख्या
बता दें कि साल 1990 के बाद पैदा होने वाले लोगों ने साल 2019 से 2020 तक पिछले कई साल के मुकाबले 60 फीसदी से ज्यादा अपनी वसीयत लिखी. ऐसा चीन रजिस्ट्रेशन सेंटर (China Registration Center) की रिपोर्ट में कहा गया. एक न्यूज आर्टिकल में ये भी लिखा गया कि मौत के बारे में चर्चा करना चीनी समाज में टैबू माना जाता है. यह लोगों के बीच टकराव का विषय बन सकता है.
मौत से डर गए चीन के युवा
चीन वसीयत ऑर्गेनाइजेशन के डायरेक्टर यांग यिंगवीं ने कहा कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी ने युवाओं को मौत के बारे में सोचने के लिए मजबूर किया है. उन्हें इस बात की चिंता है कि मरने के बाद उनकी प्रॉपर्टी का क्या होगा. इसीलिए वो वसीयत बनवा रहे हैं.
बालिग होते ही स्टूडेंट ने लिखी वसीयत
एजेंसी ने रिपोर्ट किया कि शंघाई में एक 18 साल की स्टूडेंट ने सेंटर ब्रांच में पहुंचकर 20 हजार युआन यानी करीब 2 लाख 28 हजार रुपये की अपनी वसीयत तैयार करवाई.
स्टूडेंट ने बताया कि वह अपनी जिंदगी को बेहद गंभीरता से लेती है. वसीयत लिखना अंत नहीं है. यह एक नई शुरुआत है. वह इन पैसों से अपने एक दोस्त की मदद करना चाहती है, जिसने मुश्किल वक्त में उसकी हेल्प की थी.
रिपोर्ट के अनुसार, 80 फीसदी युवाओं ने सेविंग्स के पैसों की वसीयत बनवाई है. जबकि 70 प्रतिशत युवाओं ने जमीन-जायदाद को लेकर वसीयत तैयार करवाई है. कुछ ने तो वर्चुअल प्रॉपर्टी जैसे सोशल मीडिया अकाउंट्स को लेकर भी वसीयत बनवाई है.
जान लें कि चीन वसीयत रजिस्ट्रेशन सेंटर एक चैरिटी प्रोग्राम है, जिसकी स्थापना साल 2013 में की गई थी. यहां मुफ्त में 60 साल तक का कोई भी शख्स अपनी वसीयत लिख सकता है. चीन में इसकी 11 ब्रांच हैं.
Gulabi
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