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मुश्किल भरे पथरीले रास्तों पर बच्चों ने दिया एक दूसरे का साथ, देखें VIDEO

Ritisha Jaiswal
21 Aug 2022 7:56 AM GMT
मुश्किल भरे पथरीले रास्तों पर बच्चों ने दिया एक दूसरे का साथ, देखें VIDEO
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साथी हाथ बढ़ाना, एकता की भावना, कोऑपरेशन और टीम वर्क जैसी न जाने कितने ही अच्छी बातें हमने सुनी होंगी.

साथी हाथ बढ़ाना, एकता की भावना, कोऑपरेशन और टीम वर्क जैसी न जाने कितने ही अच्छी बातें हमने सुनी होंगी. लेकिन हर कोई अपने जीवन में इसे निभाता नजर नहीं आता. एक दूसरे का हमेशा साथ देने की कसमें खाने वाले भी मुश्किल दौर में अकेला छोड़ जाते हैं. अपने बेहद करीबी भी सुख में साथ और कष्ट में खुद को दूर कर लेते हैं. लेकिन निश्छल और निस्वार्थ मन वाले बच्चे ऐसा नहीं करते. मासूम मन अपने दोस्तों और साथियों के साथ कभी नहीं छोड़ता.

IAS हरि चंदना ने ट्विटर पेज @harichandanaias पर एक वीडियो शेयर किया. जिसमें तीन बच्चे एक दूसरे को झरना पार करने में मदद करते देखे जा सकते हैं. बच्चों में एक दूसरे की मदद की भावना और टीम वर्क स्पिरिट देख यूजर्स इनकी तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पा रहे.



बच्चों ने मुश्किल रास्ते पर दिया एक दूसरे का साथ
आईएएस अधिकारी ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक ऐसा ही वीडियो शेयर किया जहां बेहद छोटे बच्चे कठिन रास्तों पर एक दूसरे का इस कदर साथ देते नजर आए जिसने बड़ों के लिए भी नज़ीर पेश की. वीडियो किसी पहाड़ी इलाके का है जहां का जीवन किसी के लिए भी सुगम नहीं होता. छोटे-छोटे कामों के लिए भी मुश्किल रास्तों को पार करना पड़ता है. ऐसे में एक-दूसरे का सहयोग और साथ ही कठिन रास्तों को आसान करने में मददगार साबित होता है. ये सीख बच्चे बखूबी जानते हैं तभी तो स्कूल के पथरीले रास्तों के बीच जब एक झरने ने जब इसे और मुश्किल बना दिया तो तीन बच्चों ने एक दूसरे का हाथ पकड़कर इसे पार किया.
'एक साथ हम कर सकते हैं'
सोशल मीडिया पर शेयर ये वीडियो लोगों को न सिर्फ बेहद पसंद आया, बल्कि बच्चों के ज़रिए हर किसी को टीमवर्क और टीम स्पिरिट के प्रति उत्साही रहने की नसीहत भी दी. बच्चे तो नन्हीं उम्र से ही अपने दोस्तों का हाथ पकड़कर उन्हें मुश्किलों से बाहर निकाला बखूबी जानते हैं. उन्हें पता है कि एकदूसरे का साथ देकर वो हर मुश्किल पार कर सकते हैं. तभी तो अधिकारी ने भी इस वीडियो को कैप्शन दिया- "एक साथ हम कर सकते हैं … (teamworkmakesthedreamwork). लेकिन बढ़ती उम्र के साथ न जाने क्यों लोग 'सुख के सब साथी, दुख में न कोय' वाली कहावत को चरितार्थ करने लग जाते हैं.


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