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जरा हटके: चीन में मार्शल आर्ट्स और इससे भी बेहतर तरीके के खेल और फाइट्स करवाई जाती है, लेकिन कोई इसके पीछे का राज जनता है नहीं। की आखिर वहां यह सब कैसे सिखाया जाता है। आइए आज हम आपको बताते है की आखिर चीन में इतने अच्छे फाइटर्स कहा से आते है। उन्हें कैसे तैयार किया जाता है। यहां छोटे छोटे बच्चो को बहुत ही क्रूर ट्रेंनिंग दी जाती है। जिससे यहां के बच्चे फाइट में इतने अव्वल हो जाते है। इनकी और जानकारी हम आपको बताते है। चीन में चैम्पियन एथलीट्स तैयार करने के लिए काफी कम उम्र से ही बच्चों की ट्रेनिंग का दौर शुरू हो जाता है। इस दौरान उन्हें एक बेहद मुश्किल और दर्द भरी ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है।
ये ट्रेनिंग इतनी खतरनाक और दर्दनाक होती है कि उसे देखकर कोई भी हैरान हो सकता है। इस ट्रेनिंग के दौरान बच्चे अक्सर चीखते-चिल्लाते और रोते हुए देखे जाते हैं। यहां तक कि कई बार उन्हें चोट भी लग जाती है। लेकिन चीन के कड़े रूल्स के मुताबिक इसके बाद बच्चों को ट्रेनिंग छोड़ने की इजाजत नहीं होती है। हालांकि बच्चों के पैरेंट्स भी खुशी-खुशी उन्हें ट्रेनिंग के लिए भेजते हैं। उनका मानना है कि इतनी टफ ट्रेनिंग से ना केवल उनका बच्चा काफी मजबूत हो जाएगा बल्कि देश के लिए कई मेडल्स जीतने के काबिल भी हो जाएगा। ऐसी ट्रेनिंग के लिए उन बच्चों का सिलेक्शन किया जाता है जो हमउम्र बच्चों से ज्यादा स्ट्रॉन्ग होते हैं।
ट्रेनिंग के दौरान बच्चों के मसल्स को फ्री करने के लिए उन्हें कई तरह की दर्दनाक एक्सरसाइज कराई जाती है। इस दौरान उन्हें पैर फैलाने और हाथ से पूरी बॉडी का बैलेंस बनाने के लिए जमकर तकलीफ सहना पड़ती है। देखने वालों को ये ट्रेनिंग बच्चों पर जुल्म ढाने जैसी लग सकती है, लेकिन इसके बाद भी उन्हें ये ट्रेनिंग दी जाती है। यहां पर तीन साल की उम्र से ही बच्चों का एडमिशन ट्रेनिंग देने के लिए करा दिया जाता है।
Manish Sahu
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