जरा हटके

बचपन में हुए हादसे ने बदली ज़िंदगी, आईएएस बनने की है चाह

Tulsi Rao
3 July 2022 9:20 AM GMT
बचपन में हुए हादसे ने बदली ज़िंदगी, आईएएस बनने की है चाह
x

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Specially Abled Student Of Bihar: बिहार के एक लाल की कहानी ने देश और दुनिया में सुर्खियां बटौर रखी हैं. लोग मुंगेर जिले के दिव्यांग छात्र नंदलाल के जज्बे को सलाम कर रहे हैं. नंदलाल ने जो किया है उसे सुनकर आप भी उसकी तारीफ किए बिना नहीं रह पाएंगे. बता दें कि नंदलाल अपने दोनों हाथ एक हादसे में गंवा चुका है. लेकिन उसका हौसला नहीं टूटा वो अपने पैरों की मदद से अपनी आगे की पढ़ाई कर रहा है. नंदलाल ने फिलहाल बीए के एग्जाम दिए हैं. साथ ही वो भविष्य में बतौर आईएएस अधिकारी देश की सेवा करना चाहता है.

बचपन में हुए हादसे ने बदली ज़िंदगी

जानकारी के मुताबिक, नंदलाल हवेली खड़गपुर नगर क्षेत्र के संत टोला का निवासी है. अजय कुमार साह और बेबी देवी के घर जन्में नंदलाल ने बचपने में ही अपने दोनों हाथ गँवा दिए थे. उच्च स्तर के करंट की चपेट में आने से नंदलाल की ज़िंदगी बदल गई. लेकिन उसने हार नहीं मानी. फिलहाल वो तारापुर के आरएस कॉलेज में BA पार्ट वन की पढ़ाई कर रहा है.

आईएएस बनने की है चाह

बता दें कि दिव्यांग नंदलाल काफ़ी मेधावी और मेहनती है. उसने साल 2019 में इंटरमीडिएट (साइंस) की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की है. 500 में से 325 अंक प्राप्त कर नंदलाल ने क्षेत्र में काफ़ी नाम कमाया था. साल 2017 में दिव्यांग नंदलाल ने मैट्रिक की भी परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की थी. उसका हौसला देखकर तत्कालीन एसडीओ संजीव कुमार ने उसे एक लाख रुपए की राशि भी दी थी. चौंकाने वाली बात ये है कि नंदलाल ने इतनी सब उपलब्धियां अपने पैरों की मदद से प्राप्त की हैं. उसने सारी परीक्षा अपने पैरों से ही लिखकर अच्छे अंक प्राप्त किए हैं.

नंदलाल कहते हैं, हादसे के बाद दादाजी ने हिम्मत दी और पैरों से लिखना सिखाया. मेरा लक्ष्य BA करने के बाद बीएड की पढ़ाई करने का है. मेरी आईएएस बनने की चाह है.

Next Story