जरा हटके
चाणक्य का मूलमंत्र, नौकरी-व्यवसाय में तरक्की पाने के लिए जान लें
Manish Sahu
19 July 2023 1:41 PM GMT

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जरा हटके:आचार्य चाणक्य ने न केवल राज्य और राजा की सफलता से संबंधित नीतियां दीं, बल्कि मानव जीवन की भी सफलताओं और असफलताओं के बारे में भी विस्तार से लिखा। उन्होंने अपनी रचना चाणक्य नीति में मनुष्य की सफलता के कई अचूक तरीके साझा किए। सफल या असफल होना उस व्यक्ति के कर्मों पर निर्भर करता है, परन्तु चाणक्य कुछ ऐसे सुझाव देते हैं जिनसे व्यक्ति की सफलता पक्की हो जाती है। जानते हैं कौन से ऐसे मूलमंत्र जिनके पालन से व्यक्ति अपने जीवन, नौकरी, व्यवसाय या किसी भी अन्य कार्य में सफ़ल हो सकता है - समस्याओं का ढूंढें रचनात्मक समाधान आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी भी कार्य को करने में समस्याओं का सामने आना स्वाभाविक होता है। लेकिन उन समस्याओं के सामने हार मानकर हताश हो जाना सफलता को सुनिश्चित नहीं करता है। व्यक्ति को इन समस्याओं का समाधान रचनात्मक ढंग से ढूंढना चाहिए। सफलता की राह पर समस्या रुपी स्पीड ब्रेकर्स का आना तय होता है, लेकिन उन ब्रेकर्स पर अपनी गाड़ी रोकने के बजाए अपनी गति को हल्का धीमा करके उसका हल निकालकर आगे बढ़ते रहना चाहिए।
समस्याओं का हल निकालना व्यक्ति के सोचने की क्षमता और व्यक्तित्व को भी विकसित करने लगता है। चाणक्य यह मानते थे कि हम कलयुग का हिस्सा हैं और इस युग में सफ़ल होने के लिए हर तरह की नीतियों का पालन करना पड़ता है। उनके अनुसार व्यक्ति को बहुत अधिक सीधा और ईमानदार होना कई बार नुकसान पहुंचा जाता है। लेकिन इसका अर्थ यह बिल्कुल भी नहीं है कि व्यक्ति अपने काम में बेईमानी करने लगे। सुझाव यह है कि बहुत अधिक सीधापन कई बार आपको मुसीबत में डाल सकता है। इसलिए समझदारी के साथ ही अपनी ईमानदारी को कायम रखें। कार्यों को कल पर ना टालें सफलता की राह पर व्यक्ति को एक साथ कई कार्य करने पड़ते है। लेकिन यदि व्यक्ति अपने कार्यों को कल पर टालने लगता है तो उससे सफलता दूर होने लगती है। कार्यों को अगले दिन पर टालने की आदत नियमित बन जाती है और कोई भी कार्य समय पर पूरा नहीं हो पाता है। इसलिए आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अपने काम सही समय पर खत्म करके अगले दिन की शुरुआत नए कार्यों को पूरा करने की प्रक्रिया से की जानी चाहिए। इससे व्यक्ति किसी भी कार्य में सफलता की ओर बढ़ता है।
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