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क्या साइबर अटैक से भी हो सकता है प्लेन और हेलिकॉप्टर क्रैश, सारे सिस्टम से हो सकती है छेड़छाड़

Gulabi
11 Dec 2021 3:39 PM GMT
क्या साइबर अटैक से भी हो सकता है प्लेन और हेलिकॉप्टर क्रैश, सारे सिस्टम से हो सकती है छेड़छाड़
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साइबर अटैक से भी हो सकता है प्लेन और हेलिकॉप्टर क्रैश हो सकती है?
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के हेलिकॉप्टर क्रैश के बाद इस तरह की उड़ानों की सुरक्षा के बारे में कई तरह की बातें कही जा रही हैं. हालांकि एमआई 17 हेलिकॉप्टर को बहुत सुरक्षित और टैंक की तरह मजबूत माना जाता रहा है. हालांकि अब एयरोस्पेस दुनियाभर के साइबर अटैकर्स के लिए नए निशाने के तौर पर उभर रहा है. इसे लेकर यूरोप और अमेरिका में कई तरह रिपोर्ट प्रकाशित हुई हैं. अमेरिका में इस तरह की घटनाओं से बचने रिहर्सल भी किया जाने लगा है.
19 सितंबर 2016 को बोइंग 757 विमान अटलांटिक एयरपोर्ट पर ज्योंही उतरा, पता चला कि इसके आपरेटिंग सिस्टम को हैक कर लिया गया है. किसी ने बाहर से बैठकर इसके सिस्टम में सेंध लगा दी है. दरवाजे खुल नहीं पा रहे थे और ना ही प्लेन का कोई सिस्टम पायलट के डायरेक्शंस को मान रहा था. कॉकपिट में बैठे पायलट और यात्रियों के दम फूल गए कि ये क्या हुआ है.
राहत कि बात थी कि ये एक रिहर्सल था, जिसे अमेरिका के होमलैंड डिपार्टमेंट ने किया था. वो ये रिहर्सल कर रहे थे कि क्या हवाई जहाज के आपरेटिंग सिस्टम को बगैर प्लेन के अंदर बैठे बाहर से सेंध लगाई जा सकती है. और बाहर बैठे हैकर ने बखूबी ऐसा कर लिया. हालांकि प्लेन के आपरेटिंग और सेक्युरिटी सिस्टम के कोड के बारे में मालूम कर पाना आसान नहीं होता.
अमेरिका आगाह करता रहा है
2019 में यूएस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने एयरक्राफ्ट्स और हेलिकॉप्टर्स पायलट्स के लिए अलर्ट जारी किया. चेताया कि फ्लाइट्स का सिस्टम हैक करके हैकर्स बड़ा नुकसान कर सकते हैं. सिस्टम की सिक्योरिटी बेहतर करने के सुझाव दिए गए.
चीन के हैकर्स ग्रुप ने भी सेंध लगाई है
अमेरिका पिछले कुछ सालों से लगातार इस तरह के रिहर्सल कर रहा है ताकि ऐसे हालत से निपटा जा सके. इसी साल के शुरू में पता लगा कि चीन के एक साइबर ग्रुप पूरी दुनिया के विमानों के पैसेंजर्स और अन्य जानकारियों तक पहुंचने में कामयाब हो गया है.पिछले कुछ सालों से वो लगातार ऐसा कुछ कर रहे हैं. साइबर अटैक संबंधी थैल्स एंड वेरिएंट की एक हैंडबुक कहती है कि दुनिया में जो 05 सेक्टर साइबर अटैकर्स के निशाने पर हैं, उसमें एयरोस्पेस भी है.
साइबर आतंकी बन सकते हैं एयरोस्पेस के लिए बड़ा खतरा
अक्टूबर 20 में एक ब्रिटिश रिपोर्ट आई कि साइबर आतंकवादी हेलीकॉप्टर्स और प्लेन के ऑनबोर्ड कम्युटर सिस्टम को सेंध लगा रहे हैं और ये खतरा इतना बड़ा है कि वो अगर सफल हो गए तो किसी भी प्लेन या हेलिकॉप्टर को क्रैश कर सकते हैं.
पिछले साल एक ब्रिटिश रिपोर्ट आई थी, जिसमें कहा गया कि साइबर आतंकी लगातार जहाजों और हेलिकॉप्टर के आपरेटिंग सिस्टम में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं. अगर वो इसमें कामयाब हो गए तो क्रैश भी करा सकते हैं.
क्या लगाई जा सकती है प्लेन और हेलिकॉप्टर के आपरेटिंग सिस्टम में सेंध
इस रिपोर्ट के बाद ब्रिटेन के अधिकारियों ने माना कि साइबर आतंकी बगैर विमान में आए साफ्टवेयर वायरस, रफ कंप्युटर प्रोग्राम और ईमेल के जरिए पैसेंजर प्लेन या हेलिकॉप्टर के सिस्टम में सेंध लगा सकते हैं. रिपोर्ट ये भी कहती है कि एविएशन सेक्टर में ऐसे साइबर अटैक के कुछ मामले देखे भी गए हैं.
कौन से 05 सेक्टर्स साइबर अटैकर्स के निशाने पर
दुनिया में जो बड़े सेक्टर फिलहाल साइबर अटैकर्स के निशाने पर हैं, उसमें गर्वनमेंट और रक्षा, फाइनेंस, एनर्जी, ट्रांसपोर्ट और एयरोस्पेस शामिल हैं. पिछले कुछ सालों में दूसरे सेक्टर्स की तरह एविएशन सेक्टर में भी डिजिटल तकनीक ने कदम रखा है. अब एयरलाइंस, एय़रपोर्ट के सारे काम डिजिटल तकनीक से हो रहे हैं तो नए इनोवेशन के तरह अब जहाज कंप्युटर आधारित आपरेटिंग सिस्टम से कंट्रोल किए जाने लगे हैं.
अमेरिकी साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स लगातार कह रहे हैं कि साइबर अटैक कर हेलिकॉप्टर और एयरक्राफ्ट पर हैकर्स पूरा कंट्रोल कर सकते हैं. सारे सिस्टम से छेड़छाड़ हो सकती है.
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