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आयरन लंग्‍स की मदद से लेते हैं सांस, 60 साल से मशीन में बंद है यह अमेरिकी लेखक

Gulabi
6 Oct 2021 1:29 PM GMT
आयरन लंग्‍स की मदद से लेते हैं सांस, 60 साल से मशीन में बंद है यह अमेरिकी लेखक
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60 साल से मशीन में बंद है यह अमेरिकी लेखक

दुनिया में कई लोगों ने तमाम चुनौतियों से लड़कर ऐसे काम किए जो लगभग असंभव थे. ऐसे ही एक व्‍यक्ति हैं पॉल अलेक्‍जेंडर (Paul Alexander). अमेरिकी लेखक (US Author) पॉल 60 साल से एक मशीन के अंदर बंद हैं और उन्‍होंने इस मशीन के अंदर लेटे-लेटे ही लॉ की पढ़ाई कर ली और एक मोटिवेशनल बुक (Motivational Book) भी लिख डाली. जबकि पॉल के लिए हिलना भी बहुत मुश्किल होता है. उन्‍होंने दूर रखे कीबोर्ड को प्‍लास्टिक की स्टिक से चलाकर यह किताब लिखी है.


इसलिए बंद हैं मशीन में
6 साल की उम्र में पॉल पोलियो (Polio) के शिकार हो गए थे और अब उनकी उम्र 75 पार कर चुकी है. पोलियो होने के कारण वे पहले ही मुश्किल जिंदगी गुजार रहे थे, उस पर कुछ समय बाद दोस्‍तों के साथ खेलते समय लगी चोट ने उनकी जिंदगी (Life) दुरूह कर दी. वे ना तो चल पाते थे और ना ही खा-पी पाते थे. फिर पता चला कि पोलियो के कारण उनके फेंफड़ों में समस्‍या हो रही है और वे इस कारण सांस नहीं ले पा रहे थे.


इसके बाद उनके जीवित रहने का एक ही उपचार था कि वे आयरन लंग्‍स (Iron Lungs) की मदद से सांस लें. उस समय लकवा के शिकार रोगियों को इनकी मदद से तब तक सांस लेनी पड़ती थी, जब तक वो वयस्‍क न हो जाएं लेकिन पॉल की हालत 20 साल बाद भी ठीक नहीं हुआ. लिहाजा डॉक्‍टर्स को उन्‍हें हमेशा इसी मशीन में रखने का फैसला लेना पड़ा.

नहीं मानी हार
इतनी मुश्किल जिंदगी भी पॉल का हौसला नहीं डिगा पाई. उन्‍होंने मशीन में बंद रहकर ही पढ़ाई पूरी की. लॉ करने के बाद उन्‍होंने अपग्रेडेड व्‍हीलचेयर की मदद से कुछ समय तक वकालत की प्रैक्टिस भी की. बाद में उन्‍होंने अपनी बायोग्राफी लिखी. यह किताब लिखना भी उनके लिए आसान नहीं था. उन्‍हें प्‍लास्टिक स्टिक की मदद से कीबोर्ड चलाना पड़ता था. लिहाजा किताब पूरी करने में 8 साल लग गए.

बता दें कि पॉल की तरह दुनिया में कई लोगों ने आयरन लंग्‍स का इस्तेमाल किया लेकिन फिलहाल वो दुनिया में एकमात्र व्‍यक्ति हैं जो इनका इस्‍तेमाल कर रहे हैं.
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