ऑक्टोपस के तीन दिल होते हैं, जिसमें से दो खून की सप्लाई करने का काम करते हैं और तीसरा उस खून को शरीर के सभी अंगों तक पहुंचाने का काम करता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इनके खून का रंग नीला होता है। दरअसल, उनके खून में तांबे की मात्रा ज्यादा होती है, जिस वजह से उनके खून का रंग नीला हो जाता है।
ऑक्टोपस का जीवन काल बहुत कम होता है। इनकी कुछ प्रजातियां तो महज छह महीने ही जिंदा रहती हैं जबकि कुछ पांच साल तक भी जीते हैं। हालांकि इनका दिमाग बहुत तेज होता है, क्योंकि इनके पास एक-दो नहीं बल्कि नौ दिमाग होते हैं।
ऑक्टोपस की कुछ प्रजातियां बहुत ही जहरीली होती हैं। इतनी जहरीली कि अगर वो इंसान को एक बार काट लें तो उनकी मौत भी हो सकती है। यही वजह है कि कुछ वैज्ञानिक उन्हें समुद्र की गहराई का राक्षस भी कहते हैं।
आज से करीब 63 साल पहले यानी साल 1957 में दक्षिणी कनाडा में एक विशाल ऑक्टोपस मिला था, जिसका वजन करीब 270 किलोग्राम था और उसकी भुजाएं पांच मीटर लंबी थीं।