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मिस्र की राजधानी काहिरा की रिचर्स मिनिस्ट्री ने अपने एक बयान में बड़ा खुलासा किया है.
मिस्र (Egypt) की राजधानी काहिरा (Cairo) की रिचर्स मिनिस्ट्री ने अपने एक बयान में बड़ा खुलासा किया है. जी हां, काहिरा में उच्च शिक्षा और वैज्ञानिक अनुसंधान मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि लगभग 43 मिलियन (करीब 4 करोड़ 30 लाख) साल पहले अर्ध-जलीय व्हेल पाई जाती थी. जिसके चार पैर भी होते थे. इसे मिस्र में मौत के देवता Anubis के नाम से जाना जाता था.
3 मीटर लंबा, 600 किलो वजनी था ये व्हेल
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बुधवार को बयान के हवाले से कहा कि ऐसा माना जाता है कि इतिहास में पहली बार अरब-मिस्र की टीम ने व्हेल की एक नई प्रजाति का दस्तावेजीकरण किया है. बयान में कहा गया है कि 3 मीटर की लंबाई और 600 किलोग्राम वजन के साथ, व्हेल जमीन पर चलने के साथ मगरमच्छ और छोटे स्तनधारियों की तरह पानी में तैरने में सक्षम थी.
रिचर्स टीम ने कुछ ऐसे खोजी थी व्हेल की प्रजाति
इस रिसर्च टीम को सुपरवाइज करने वाले मंसौरा यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर वर्टेब्रेट फॉसिल्स (Mansoura University Center for Vertebrate Fossils) के चेयरमैन हिशाम सल्लम ने कहा, 'पैलियोन्टोलॉजिस्ट्स ने 2008 में मिस्र के फेयूम डिप्रेशन में एक अभियान के दौरान उन जीवाश्मों की खोज की, जो लगभग 56 से 33.9 मिलियन साल पहले के इओसीन युग के समुद्री जीवन के जीवाश्मों के लिए प्रसिद्ध है.'
कुछ ऐसे रखा गया था नाम
उन्होंने कहा कि टीम ने मिस्र के अंदर और बाहर अन्य व्हेल के नमूनों के साथ जीवाश्मों की तुलना करने के बाद स्टडी का दस्तावेजीकरण और रिकॉर्ड करने के लिए चार साल तक काम किया. नई व्हेल का नाम फियोमिसेटस एनबिस (Phiomicetus Anubis) रखा गया था, जहां से इसके जीवाश्म निकाले गए थे. जबकि प्राचीन मिस्र की सभ्यता में मृत्यु और ममीकरण के देवता के नाम पर 'एनबिस' का नाम दिया गया.
स्टडी को इस जर्नल में किया गया था प्रकाशित
स्टडी ऑनलाइन जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ द रॉयल सोसाइटी बी: बायोलॉजिकल साइंसेज (Proceedings of Royal Society B: Biological Sciences) में प्रकाशित हुआ था. नई प्रजाति को अफ्रीका में खोजी गई सबसे पुरानी व्हेल माना जाता है.
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