जरा हटके

अंतर‍िक्ष में घूमते रहते हैं बड़े-बड़े तारे, फ‍िर शोर क्‍यों नहीं सुनाई देता

Manish Sahu
5 Oct 2023 12:20 PM GMT
अंतर‍िक्ष में घूमते रहते हैं बड़े-बड़े तारे, फ‍िर शोर क्‍यों नहीं सुनाई देता
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जरा हटके: हम धरती पर रहते हैं तो खूब कोलाहल सुनाई देता है. बगल से कोई वाहन भी गुजर जाए तो ऐसा लगता है कि आंधी आ गई. लेकिन अंतर‍िक्ष में ऐसा क्‍यों नहीं होता. वहां तो धरती से भी बड़े-बड़े तारे चक्‍कर काटते रहते हैं. कई तारों की तो स्‍पीड सुपरफास्‍ट होती है. इसके बावजूद कोई आवाज हमें क्‍यों सुनाई नहीं देती? अजबगजब नॉलेज सीरीज की अगली कड़ी में हम इसी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं. इसकी वजह काफी इंट्रेस्टिंग है.
यूनिवर्स के बारे में बहुत से राज हैं, जिनके बारे में हमें पता नहीं. लोग जानना चाहते हैं. जैसे हमारे सौरमंडल की तरह स्‍पेस में हजारों सूरज, चांद और सितारे हैं. साइंटिस्‍ट तो यहां तक कहते हैं कि मिल्‍की वे में ही अरबों तारे हो सकते हैं. बता दें कि मिल्की वे एक आकाशगंगा है, जिसका हिस्सा हमारा सौर मंडल है. पृथ्वी से इस आकाशगंगा के दखने के आधार पर इसका नाम मिल्की वे पड़ा. इसे आप नंगी आंखों से नहीं देख सकते, सिर्फ टेलिस्कोप से ही देखा जा सकता है. ग्रीक भाषा से लिए गए इस शब्‍द का मतलब दुधिया चक्र होता है. वैज्ञानिक कहते हैं कि यहां इतने तारे हैं कि फ‍िलहाल किसी भी कैलकुलेटर के लिए गणना करना मुश्क‍िल है.
वायुमंडल न होने की वजह से ऐसा
अब जब इतने ग्रह, तारे हैं जो चारों ओर पूरी स्‍पीड के साथ चक्‍कर काटते रहते हैं तो फ‍िर आवाज क्‍यों नहीं आती? इसके पीछे वजह बेहद खास है. दरअसल, अंतर‍िक्ष में कोई वातावरण नहीं है, जिसकी वजह से आवाज हमें सुनाई नहीं देती. कोई भी ध्‍वन‍ि तभी हमारे तक पहुंच सकती है जब उसे ले आने के लिए कोई माध्‍यम हो. धरती पर वायुमंडल इसका माध्‍यम बनता है, इसल‍िए कोई भी आवाज हमें सुनाई देती है. मगर स्‍पेस में वायुमंडल न होने से ध्‍वन‍ि को माध्‍यम नहीं मिल पाता, इसल‍िए आवाज सुनाई नहीं देती.
600 किलोमीटर होती तारों की स्‍पीड
कुछ दिनों पहले रिसर्च आई थी, जिसमें कहा गया था कि स्‍पेस में भी गुरुत्‍वाकर्षण तरंगें होती हैं. इनकी वजह से ब्रम्‍हांड में हमेशा काफी तेज ध्‍वन‍ि गूंजती रहती है. यह इतनी तेज होती है कि इंसान को सुनाई देने लगे तो कान के पर्दे फट जाएं. वैज्ञानिकों के मुताबिक, सूर्य 2 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से घूमता है. लेकिन खगोलविदों का कहना है कि दूसरी आकाशगंगा में एक तारा 300 गुना तेजी से यानी एक सेकेंड में तकरीबन 600 किलोमीटर की स्‍पीड से चक्‍कर काटता है. इतनी तेज से कोई चीज धरती पर गुजरते तो तबाही मच जाए.
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