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तीन साल की उम्र में कहलाया दुनिया का सबसे मजबूत बच्चा, सूमो रेसलिंग में जीते थे कई टूर्नामेंट

Tulsi Rao
17 Jan 2022 10:45 AM GMT
तीन साल की उम्र में कहलाया दुनिया का सबसे मजबूत बच्चा, सूमो रेसलिंग में जीते थे कई टूर्नामेंट
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तीन साल की उम्र में ही उसने लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था. इस उम्र में Dzhambulat ने 'दुनिया का सबसे मजबूत बच्चा' (World’s strongest kid) का खिताब हासिल किया

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। एक रूसी सूमो पहलवान जिसे 'दुनिया का सबसे मजबूत बच्चा' कहा जाता था; वह अब नहीं रहा. जी हां, जब वह नौ साल का था, तब उसका वजन 146 किलो था लेकिन 21 साल की उम्र में उसकी मृत्यु हो गई. Dzhambulat Khatokhov ने अपने कम उम्र में ही कई उपलब्धियां हासिल की थी. दुनियाभर के लोग उसे सबसे ताकतवर बच्चा कहते थे, लेकिन उसके दोस्त उसे 'ग्लेडिएटर' बुलाते थे. तीन साल की उम्र में ही उसने लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था. इस उम्र में Dzhambulat ने 'दुनिया का सबसे मजबूत बच्चा' (World's strongest kid) का खिताब हासिल किया.

तीन साल की उम्र में कहलाया दुनिया का सबसे मजबूत बच्चा
तीन साल की उम्र में Dzhambulat Khatokhov का वजन 48 किलो था. उसके नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness Book of Records) दर्ज हुआ. हालांकि, जन्म के समय Dzhambulat का वजन सिर्फ 2.89 किलो था, लेकिन सिर्फ एक साल की उम्र में उसका वजन करीब 13 हो गया. वजन बढ़ने का सिलसिला यही नहीं रुका, जैसे-जैसे उम्र बढ़ने लगी वैसे-वैसे बच्चे का वजन भी बढ़ने लगा. जब उसकी उम्र 6 साल हुई तो वजन बढ़कर 95 किलो हो गया. आगे जब वह 9 साल का हुआ तो वजन 146 किलो हो गया.
सूमो रेसलिंग में जीते थे कई टूर्नामेंट
बढ़ते वजन के साथ Dzhambulat को सूमो रेसलिंग में इंटरेस्ट आना शुरू हो गया और वह कॉम्पटीशन में हिस्सा लेने लगा. उसके कोच खसान तेउस्वज़ुकोव (Khasan Teusvazhukov) ने उसे लड़ने के लिए तैयार किया, लेकिन वह ट्रेनिंग के दौरान उसके बढ़ते वजन से भी चिंतित थे क्योंकि जब Dzhambulat 17 साल का हुआ तो उसका वजह 230 किलो हो गया. डॉक्टरों ने भी वजन को कम करने की सलाह देने लगे, वरना वह कई बीमारियों से पीड़ित हो सकता है. चिंता सताने के बाद बच्चे ने वजन कम करने का फैसला लिया और जल्द ही अपना वजन एक से ढेड़ साल में करीब 176 किलो कम कर लिया.
बच्चे के मां पर लगे थे कई आरोप, जिसे सिरे से किया खारिज
Dzhambulat ने अपनी रेसिलिंग के दौरान कई टूर्नामेंट भी जीते. बच्चे की मां पर भी यह आरोप लग चुका है कि उसने बच्चे को सूमो पहलवान बनाने के चक्कर में बचपन में स्टॉरायड दवाइयां दी. हालांकि, इस बात को मां नेल्या ने सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि क्या कोई मां अपने बच्चे के साथ ऐसा कर सकती है. उसने बताया कि जब बच्या 5 साल था तो उसे मेडिकल टेस्ट के लिए मॉस्को लेकर गई थी, लेकिन जांच में सबकुछ नॉर्मल था, और वह बिल्कुल स्वस्थ है. मां नेल्या ने कहा, 'मुझ पर लगाए गए सारे आरोप गलत हैं और मैं अपने बच्चे के साथ ऐसा कभी नहीं कर सकती.'


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