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पुरातत्वविद नित नई खोज कर पुराने जीव, कीड़े का पैर है 64

Ritisha Jaiswal
4 Jan 2022 1:30 PM GMT
पुरातत्वविद नित नई खोज कर पुराने जीव, कीड़े का पैर है 64
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पुरातत्वविद नित नई खोज कर पुराने जीव, जगह और जनजातियों के जीवन का पता लगाने की कोशिश करते हैं.

पुरातत्वविद नित नई खोज कर पुराने जीव, जगह और जनजातियों के जीवन का पता लगाने की कोशिश करते हैं. धरती पर किसी जीव का इतिहास कितना पुराना हो सकता है इस खोज की कड़ी में कई नाम सामने आते हैं. अब एक नया अध्याय जुड़ा है जिसका नाम है मिलिपेड. पुरातत्वविदों के मुताबिक मिलिपेड धरती पर ज्ञात जीवों में अब तक का सबसे बड़ा जीव रहा होगा. खुदाई में मिले जीवाश्म के आधार पर इसका वजन करीब 110 पाउंड और समय 200 से 359 मिलियन साल पहले का बताया जा रहा है. जीवाश्म इंग्लैंड के नॉर्थम्बरलैंड (Northumberland, England) में मिले हैं. जिसपर अभी अध्ययन जारी है.

मिलिपेड के धरती पर डायनासोर से भी लगभग 100 मिलियन साल पहले पाए जाने का अनुमान है. एक विशाल चट्टान को तोड़कर देखने पर मिलिपेड के जीवाश्म का पता चला है. जीवाश्म की खोज में लगी टीम ने बताया की यह इतना बड़ा था की चट्टान के ऊपर लाने में हमें कई लोगों की मदद लेनी पड़ी थी. 20 दिसंबर, 2021 को जर्नल ऑफ द जियोलॉजिकल सोसाइटी (Journal of the Geological Society) की एक अध्ययन से पता चला कि इस जीवाश्म के आर्थ्रोप्लुरा नमूने का वजन 110 पाउंड रहा होगा.
दुर्लभ है मिलिपेड के जीवाश्म की खोज
इस विशालकाय जीवाश्म (giant millipedes Fossil) का मिलना आसान नहीं था. न ही इनसे जुड़ी सारी जानकारियां जुटाना इतना आसान होगा. वजह ये है कि मरने के बाद मिलिपेड के शरीर का आकार बदल जाता है यानि मृत शरीर विकृत हो जाता है. लिहाज़ा जो जीवाश्म (Fossil) मिले हैं वो एक पिघला हुआ आवरण है जिसे जीव बड़े होने पर पानी में बहा देते हैं. अभी भी जीवाश्म का सिर नहीं मिला, यही वजह है की उससे जुड़ी सारी जानकारियों का पता लगाना अभी मुश्किल है. साइंस अलर्ट के मुताबिक, इस विशेष जीवाश्म ने एक एक्सोस्केलेटन (Fossil retained an exoskeleton) को बरकरार रखा है, जिसने पहली बार उनके पहले के अज्ञात आकार की पुष्टि की।
64 पैरों वाला अब तक का सबसे बड़ा जीवाश्म
एक रिसर्च के मुताबिक, इसके पहले संभवत: 2 आर्थ्रोप्लुरा नमूने (Arthropleura specimens) पाए गए थे. हालांकि उनका आकार बहुत छोटा था. ये नमूने जर्मनी में पाए गए थे. जर्मनी में पाए जाने वाले इन जीवाश्मों के ठीक विपरीत यह अब तक का सबसे बड़ा जीवाश्म है। इस एक्सोस्केलेटन की खोज से पहले, शोधकर्ताओं को जो भी जानकारियां मिली वो जीवाश्म के पैरों के निशान के आधार पर मिली है. पूर्ण जीवाश्मों में 32 हिस्से शामिल थे. हालांकी अभी ये जानकारी नहीं है कि जीव के कितने पैर रहे होंगे, लेकिन अनुमान है कि हर हिस्से में दो पैर होंगे. यानि कुल 64 पैरों वाला रहा होगा ये विशालकाय जीव.


Ritisha Jaiswal

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