जनता से रिश्ता वेबडेस्क| राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता बुधवार सुबह थोड़ी देर के लिए 'खराब' की श्रेणी में पहुंच गई थी. केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में पीएम10 सुबह 10 बजे 225 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया. पीएम 10 माप में, 10 माइक्रोमीटर जितना कण होता है, जो सांस लेते समय फेफड़ों में जा सकता है. प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपायों के तहत दिल्ली में बड़े निर्माण स्थलों पर एंटी-स्मॉग गन लगाई गई हैं.
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के आंकड़ों के अनुसार, आनंद विहार में एयर क्वालिटी इंडेक्स 260 और रोहिणी में 238 था. कंट्रोल करने के लिए निमार्ण स्थलों पर एंटी-स्मॉग गन लगाई गई हैं.
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दिल्ली में सुबह 10 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 207 रहा. वह सोमवार को 179 था. वायु गुणवत्ता शून्य से 50 के बीच 'अच्छी', 51 से 100 'संतोषजनक', 101 से 200 'मध्यम', 201 से 300 'खराब', 301 से 400 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' मानी जाती है.
'सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च' (सफर) ने बताया कि पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों में खेतों में पराली जलाने के मामलों में वृद्धि और प्रतिकूल मौसम के कारण वायु गुणवत्ता बृहस्पतिवार तक 'खराब' की श्रेणी में पहुंच सकती है.