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300 साल पहले आई थी कोरोना जैसी महामारी
1980 में विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक शाखा ने चेचक महामारी को पूर्णतया समाप्त करने की घोषणा की। 1980 के बाद से लेकर अब तक स्वाभाविक रूप से चेचक का कोई केस सामने नहीं आया है। इस हिसाब से 1700 में इस महामारी का उद्भव हुआ था और 1980 में जाकर इसका अंत हुआ। महामारी को पूरी तरह खत्म होने में लगभग 280 सालों का वक्त लगा।
इस महामारी का दंश इतना भयानक था की उस दौरान इसके विनाशकारी प्रभाव के चलते हजारों जानें गईं थीं। इससे कई सारे लोग संक्रमित हुए थे। उस समय इस महामारी से लड़ने के लिए किसी प्रकार का टीका या बेहतर उपचार भी उपलब्ध नहीं था। रिकॉर्ड की मानें तो महामारी का भयानक प्रभाव सबसे ज्यादा अमेरिका के तटों से दूर के इलाकों में पड़ा था।
अब जबकि चेचक को आए करीबन तीन सौ साल बीत चुके हैं और मानव सभ्यता एक नई महामारी कोरोना को झेल रही है। इस कड़ी में कई विशेषज्ञ कोरोना महामारी और 3 सदी पहले आई चेचक महामारी के बीच समानता को देख हैरान हैं। न्यू इंग्लैंड हिस्टोरिक वंशावली सोसाइटी के लिए काम करने वाले बोदनार का कहना है - "इतने सालों के बाद भी हम बहुत कम बदले हैं।"
अपने एक इंटरव्यू में बोदनार कहते हैं - "हम अपने अतीत के रिकॉर्ड में 17वीं सदी में आई चेचक महामारी और कोरोना महामारी के बीच समानता ढूंढ रहें हैं। यह काफी दिलचस्प समानांतर प्रक्रिया है।" आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चेचक महामारी का अंतिम बार भयानक प्रभाव साल 1949 में देखा गया था। वहीं जब इसका इलाज ढूंढा गया, तब तक इसने लाखों लोगों की जानें ले ली थी।
1980 में विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक शाखा ने चेचक महामारी को पूर्णतया समाप्त करने की घोषणा की। 1980 के बाद से लेकर अब तक स्वाभाविक रूप से चेचक का कोई केस सामने नहीं आया है। इस हिसाब से 1700 में इस महामारी का उद्भव हुआ था और 1980 में जाकर इसका अंत हुआ। महामारी को पूरी तरह खत्म होने में लगभग 280 सालों का वक्त लगा।
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