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अमेरिकन रेस्टोरेंट ने देसी खाने को दिया फैंसी नाम, जानें क्या ?

Bharti sahu
18 July 2022 1:47 PM GMT
अमेरिकन रेस्टोरेंट ने देसी खाने को दिया फैंसी नाम, जानें क्या ?
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दुनिया में आप कहीं भी चले जाएं, कुछ दिनों बाद आपको अपने देसी खाने की याद सताने ही लगती है. वो बैलेंस्ड मसालों और मिर्च वाले बेहतरीन स्वाद को आप मिस करने लगते हैं. आपकी इस क्रेविंग को शांत करने के लिए विदेशों में भी भारतीय खाना परोसा जाता है, बस उसके नाम को सुनकर कई बार दिमाग घूम जाता है. कुछ ऐसा ही अजीबोगरीब नाम देकर एक रेस्टोरेंट दक्षिण भारतीय खाने को तीन-चार गुना रेट पर बेच रहा है.

नॉर्थ इंडियन खाने में मिर्च-मसालों का स्वाद भरपूर होता है, लेकिन दक्षिण भारतीय खाना पूरे देश में खूब पसंद किया जाता है. तभी तो कहीं भी चलें जाएं, प्लेन डोसा की कीमत 50-60 रुपये से भी शुरू हो जाती है और एक बेहतरीन डोसा 250-300 रुपये तक आ जाता है, लेकिन अमेरिका का रेस्टोरेंट इसे 1000 रुपये में "नेकेड क्रेप" कहकर बेच रहा है. इतनी ही नहीं और भी डिशेज के नाम के साथ जमकर अत्याचार हुआ है.
डोसा से सांभर-वड़ा तक का अजीब नाम
अमेरिका में भारतीय भोजन परोसने वाले सिएटल स्थित इंडियन क्रेप कंपनी होटल के मेनू ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा रखा है. सोशल मीडिया यूजर्स इस बात पर हैरानी जता रहे हैं कि आखिर रेस्टोरेंट ने भारतीय व्यंजनों के नाम क्यों बदले और इन्हें ओरिजनल कीमत से कहीं ज्यादा रेट पर बेचा जा रहा है.
इस रेस्तरां के मेनू की वायरल तस्वीर बताती है कि इसमें लोकप्रिय दक्षिण भारतीय व्यंजन, जैसे डोसा, इडली और सांभर वड़ा की तस्वीरें मौजूद हैं, लेकिन इनके नाम आपके सिर के ऊपर से निकल जाएंगे. मेनू में सांभर में डूबा हुआ एक कटोरा वड़ा को "डंक्ड डोनट डिलाइट" का नाम दिया गया है, जबकि सादा डोसा को "नेकेड क्रेप" बताया गया है. मसाला डोसा को "स्मैश्ड पोटैटो क्रेप" का नाम दिया गया है.
कीमत सुनकर उड़ जाएंगे होश
"डंक्ड डोनट डिलाइट" यानि सांभर वड़ा को रेस्टोरेंट $ 16.49 यानि 1300 रुपये से भी ज्यादा कीमत पर बेच रहा है. इसी तरह, सादा डोसा को "नेकेड क्रेप" कहकर 17.59 डॉलर यानि 1400 रुपये और आलू वाले डोसा को 18.59 डॉलर यानि 1500 रुपये से ज्यादा कीमत पर बेचा जा रहा है. इतना ही नहीं रेस्टोरेंट ने उत्तपम को "क्लासिक दाल पैनकेक" का नाम दे दिया है. लोग सोशल मीडिया पर ये पूछ रहे हैं कि पिज्ज़ा अगर दुनिया भर में पिज्ज़ा ही है, तो डोसा को डोसा क्यों नहीं रहने दिया?


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