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गांव के रहने वाले युवक ने बनाई अदृश्य पेंटिंग, खराब प्लास्टिक की थैलियों और पोलोराइज्ड शीट से तैयार की पेंटिंग

Tulsi Rao
22 Dec 2021 6:03 AM GMT
गांव के रहने वाले युवक ने बनाई अदृश्य पेंटिंग, खराब प्लास्टिक की थैलियों और पोलोराइज्ड शीट से तैयार की पेंटिंग
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चित्तौड़गढ़ जिले के निम्बाहेड़ा उपखंड के 27 वर्षीय जितेंद्र चारण एम. कॉम. से पोस्ट ग्रेजुएट है व वर्तमान में कपड़े के व्यवसाय से जुड़े हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमित खंडेलवाल/चित्तौड़गढ़: राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में रहने वाले एक युवक ने विज्ञान और टेक्नोलॉजी की पढ़ाई किए बिना भी कई ऐसे इनोवेशन किए हैं. वह आने वाले दिनों में ऐसा काम करने की इच्छा रखते हैं जिसे देखकर विज्ञान और टेक्नोलॉजी की पढ़ाई करने वाले भी कई युवा दांतो तले उंगली दबाने को मजबूर हो सकते हैं.

खराब प्लास्टिक की थैलियों और पोलोराइज्ड शीट से तैयार की पेंटिग
चित्तौड़गढ़ जिले के निम्बाहेड़ा उपखंड के 27 वर्षीय जितेंद्र चारण एम. कॉम. से पोस्ट ग्रेजुएट है व वर्तमान में कपड़े के व्यवसाय से जुड़े हैं. युवक जितेंद्र चारण ने खराब प्लास्टिक की थैलियों और पोलोराइज्ड शीट से ऐसी पेंटिंग्स तैयार की है, जिसे पोलोराइज्ड शीट के बिना आंखों से देखा नहीं जा सकता.
गौरतलब है कि जितेंद्र चारण वैसे तो एमकॉम से पोस्ट ग्रेजुएट हैं तथा एक छोटे से गांव में रहते हैं, लेकिन टेक्नोलॉजी और इनोवेशन से उन्हें बहुत ही ज्यादा प्यार है. हाल में ही उन्होंने साड़ियों को पैक करने वाली प्लास्टिक की खराब थैलियां और पोलोराइज्ड शीट से कुछ ऐसी पेंटिंग बनाई है, जिन्हें कोई भी नॉर्मल तरीके से आंखों से नहीं देख सकता. सबसे अच्छी बात यह है कि यह बिना किसी कलर के बनाई गई है.
इस पेंटिंग्स को घुमाने या अलग-अलग एंगल से देखने पर पेंटिंग में अलग-अलग रंग नजर आते हैं. जितेंद्र ने एक तिरंगे की पेंटिंग भी तैयारी की है. तिरंगे में 3 कलर को लाने के लिए जितेंद्र ने 3 अलग-अलग शीट और प्लास्टिक की थैलियों को यूज किया. इन पेंटिंग को एक खास तरह के चश्मे से ही देखा जा सकता है.
अयोध्या और मंडफिया के मंदिर में भेंट करेंगे पेंटिंग
जितेंद्र चारण ने बताया कि वो इस इसी टेक्नोलॉजी का यूज करके अपनी ओर से अयोध्या में बनने वाले श्रीराम मंदिर के लिए 600 स्क्वायर फीट की व मंडफिया के श्री सांवरिया सेठ और चित्तौड़गढ़ म्यूजियम में पर्यटकों के लिए भारत के वीर पुत्र महाराणा प्रताप की 6 स्क्वायर फीट की अदृश्य पेंटिंग तैयार करेंगे.
जितेन्द्र ने बताया कि इन पेंटिंग को देखने के लिए खास चश्मे में जिस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है, वही टेक्नोलॉजी उन्होंने अपने मोबाइल में इस्तेमाल की है, जिसकी वजह से यह पेंटिंग सिर्फ इनके फोन में देखी जा सकती है. अन्य किसी भी फोन में नहीं देखी जा सकती.
इनविजिबल फोन भी बनाना चाहते हैं जितेंद्र
जितेंद्र ने अपने आगामी यायोजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वे एक अदृश्य फोन तैयार करना चाहते थे. जब वो इनविजिबल फोन पर रिसर्च कर रहे थे तो इनको अलग-अलग डायरेक्शन पर अलग-अलग रंग मिले. इन्हीं रंग की मदद से उन्होंने पेंटिंग तैयार कर दी. उन्होंने बताया कि बहुत ही जल्दी वह इनविजिबल फोन बनाएंगे. इस फोन को वही व्यक्ति चला पाएगा, जिसका फोन होगा. अन्य कोई भी व्यक्ति इसे नहीं चला सकेगा.
इसी के साथ ग्रामीण क्षेत्र के प्रतिभावान युवा जितेंद्र चारण ने डोर बेल इंडिकेटर सेफ्टी डिवाइस भी बनाया है. इस डिवाइस से चोरी करने आए चोर ट्रैक हो जाएंगे. सेफ्टी डिवाइस बनाने के बाद उनको कई धमकियां भी मिली थी, जिसके बाद 1 महीने तक उन्हें पुलिस प्रोटेक्शन भी दिया गया था.
लड़कियों की सेफ्टी के लिए बनाएंगे मिनी गर्ल्स सेफ्टी ब्रेसलेट
लगातार दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए जितेंद्र लड़कियों की सुरक्षा के लिए एक मिनी गर्ल्स सेफ्टी ब्रेसलेट तैयार कर रहे हैं. उसे कुछ इस तरह बनाया जाएगा कि यदि कोई भी व्यक्ति किसी लड़की को छुएगा तो उसे 0.010 एम्पियर का 220 वाट का करंट लगेगा. इस ब्रेसलेट में एक इमरजेंसी का बटन होगा, जिसे दबाने पर घर पर फोन की लोकेशन और कॉल चली जाएगी. लोकेशन से यह पता चलेगा कि लड़की किस जगह पर है और लड़की किस स्थिति में है. यह कॉल से सुन सकते हैं जिससे समय रहते लड़की को बचाया जा सकता है. इससे पहले भी जितेन्द्र ने चोरियों को रोकने के लिए सेफ्टी डिवाइस, पुलिस सुरक्षा के लिए सेफ्टी स्टिक और वायरलेस चार्जर तैयार किए हैं.


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