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एक अनोखा गांव जहां बिना कपड़ों में रहते हैं लोग, जानें वजह

Ritisha Jaiswal
11 Aug 2022 4:14 PM GMT
एक अनोखा गांव जहां बिना कपड़ों में रहते हैं लोग, जानें वजह
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क्या आपको मालूम है कि दुनिया में ऐसी कई जगहें हैं, जहां पर कई अजीबोगरीब लोग देखने को मिल जाते हैं

क्या आपको मालूम है कि दुनिया में ऐसी कई जगहें हैं, जहां पर कई अजीबोगरीब लोग देखने को मिल जाते हैं. अमूमन जिंदगी में लोग घर से कपड़े पहनकर ही घर से निकलते हैं. आप सोच रहे होंगे कि ये कैसी अजीब बात है. जी हां, लेकिन एक ऐसा गांव हैं जहां पिछले 90 सालों से एक परंपरा को मानते आ रहे हैं और बिना कपड़ों के ही जीवनयापन कर रहे हैं. क्यों रह गए न हैरान. आज हम आपको एक अजीबोगरीब गांव के बारे में हम बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में शायद ही पहने सुना हो.


गांव में दो बेडरूम वाले बंगले
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गांव में दो बेडरूम वाले बंगले
क्या आपने ऐसी जगह के बारे सुना है, जहां सभी बिना कपड़ों के रहते हों. ऐसा नहीं है कि वह सभी गरीब हैं या फिर उनके पास पहनने के लिए कपड़े नहीं. लेकिन यह वहां की वर्षों पुरानी परंपरा है. ब्रिटेन का एक सीक्रेट गांव (Britain's Secret Nudist Village) है, जहां लोग सालों-साल से बिना कपड़ों के रहते हैं. मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, गांव में दो बेडरूम वाले बंगले भी हैं, जिनकी कीमत £85,000 या इससे भी अधिक है.

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गांव का नाम जर्मन भाषा में रखा गया
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गांव का नाम जर्मन भाषा में रखा गया
गांव के लोगों के पास मूलभूत सुविधाओं की कोई कमी नहीं है. लेकिन परंपरा और मान्यताओं को मानने वाले लोग बिना कपड़े के ही रहते हैं. हर्टफोर्डशायर (Hertfordshire) के स्पीलप्लाट्ज (Spielplatz) गांव में न सिर्फ बड़े-बूढ़े बल्कि बच्चे भी बिना कपड़ों के ही रहते हैं. स्पीलप्लाट्ज, जिसका जर्मन में मतलब खेल का मैदान है.

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90 साल पुरानी परंपरा को करते आ रहे फॉलो
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90 साल पुरानी परंपरा को करते आ रहे फॉलो
हर्टफोर्डशायर का यह गांव ब्रिटेन की सबसे पुरानी कॉलोनियों में से एक है. यहां पर न सिर्फ अच्छे मकान हैं, बल्कि शानदार स्विमिंग पूल, लोगों को पीने के लिए बीयर जैसी सुविधाएं भी मौजूद है. यह जगह पिछले 90 सालों से ज्यादा समय से लोग यहां ऐसे ही रह रहे हैं.

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इसेल्ट रिचर्डसन ने की थी गांव के समुदाय की स्थापना
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इसेल्ट रिचर्डसन ने की थी गांव के समुदाय की स्थापना
स्पीलप्लाट्ज (Spielplatz) गांव में जीवन का आनंद लेने वालों में 82 वर्षीय इसेल्ट रिचर्डसन हैं, जिनके पिता ने 1929 में समुदाय की स्थापना की थी. उन्होंने जोर देकर कहा था कि प्रकृतिवादियों और सड़क पर रहने वाले लोगों के बीच कोई अंतर नहीं है.

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इस गांव के ऊपर बन चुकी है कई फिल्में
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इस गांव के ऊपर बन चुकी है कई फिल्में
इस पर दुनियाभर में लोगों ने कई डॉक्यूमेंट्री और शॉर्ट फिल्म भी बना चुके हैं. यहां पर पड़ोसी, पोस्टमैन और सुपरमार्केट डिलीवरी करने वाले लोग अक्सर आते ही रहते हैं. इस गांव का नाम स्पीलप्लाट्ज (Spielplatz) है, जिसका मतलब होता है प्लेग्राउंड यानी खेल का मैदान.


Ritisha Jaiswal

Ritisha Jaiswal

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