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एक ऐसे देश, जहां महिलाएं तलाक को मानती है कलंक, जानिए और भी कई बातें

Shiddhant Shriwas
16 Aug 2021 8:03 AM GMT
एक ऐसे देश, जहां महिलाएं तलाक को मानती है कलंक, जानिए और भी कई बातें
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जिम्बाब्वे का नाम तो आपने कई बार सुना होगा। खासकर क्रिकेट के क्षेत्र में, लेकिन इसके अलावा भी इस देश में ऐसा बहुत कुछ खास है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जिम्बाब्वे का नाम तो आपने कई बार सुना होगा। खासकर क्रिकेट के क्षेत्र में, लेकिन इसके अलावा भी इस देश में ऐसा बहुत कुछ खास है, जिसके बारे में शायद ही आप जानते होंगे। अफ्रीकी महाद्वीप के दक्षिणी भाग में जाम्बेजी और लिम्पोपो नदियों के बीच स्थित इस देश को आधिकारिक तौर पर अब भले ही जिम्बाब्वे गणराज्य के नाम से जाना जाता है, लेकिन पहले इसे दक्षिण रोडेशिया, रोडेशिया, रोडेशिया गणराज्य और जिम्बाब्वे रोडेशिया के नाम से जाना जाता था। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से जिम्बाब्वे के बारे में कुछ ऐसी रोचक बातें बताएंगे, जिनके बारे में बहुत कम ही लोग जानते होंगे।

वैसे तो दुनियाभर के देशों में तलाक की परंपराएं और कानून हैं और बड़ी संख्या में तलाक के मामले भी सामने आते हैं, लेकिन जिम्बाब्वे में दूसरे देशों के मुकाबले तलाक के मामले कम सामने आते हैं। इसकी वजह ये है कि यहां की महिलाएं तलाक को 'कलंक' की तरह मानती हैं और वो ऐसा करने से बचती हैं।

जाम्बिया और जिम्बाब्वे के बीच की सीमा पर स्थित झील 'करिबा' दुनिया की सबसे बड़ी मानवनिर्मित झील (जलाशय) है। इस झील की अधिकतम लंबाई 223 किलोमीटर और चौड़ाई 40 किलोमीटर है जबकि औसत गहराई 95 फीट और अधिकतम गहराई 318 फीट है। इसकी खास बात ये है कि इस झील में तीन छोटे-छोटे द्वीप भी मौजूद हैं।

वैसे तो हर देश की कोई न कोई आधिकारिक मुद्रा होती है, जैसे कि भारत की मुद्रा का नाम रुपये है, लेकिन जिम्बाब्वे की फिलहाल कोई भी आधिकारिक मुद्रा नहीं है। यहां अमेरिकी डॉलर का ही इस्तेमाल होता है। हालांकि, पहले जिम्बाब्वे की आधिकारिक मुद्रा थी, जिसका नाम 'जिम्बाब्वे डॉलर' था। लेकिन साल 2009 में इस मुद्रा को खत्म कर दिया गय था।

जिम्बाब्वे के पूर्व राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे दुनिया के गैर-शाही देशों के सबसे पुराने और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले नेताओं में से एक थे। वह 1980 में जिम्बाब्वे के पहले प्रधानमंत्री बने थे और 1987 तक अपने पद पर रहे थे। उसके बाद वह प्रधानमंत्री का पद छोड़कर 1987 में राष्ट्रपति बने थे और 2017 तक वह इसी पद पर बने रहे थे।

जिम्बाब्वे में उन लोगों की पूछ कुछ ज्यादा ही होती है, जिनके पेट निकले हुए होते हैं। दरअसल, यहां बड़े पेट को धन का संकेत माना जाता है। लोग मानते हैं कि जिनका पेट बड़ा है, वो धनवान हैं और हर रोज उन्हें पर्याप्त मांस खाने को मिल जाता है।

जिम्बाब्वे दुनिया का इकलौता ऐसा देश है, जहां आधिकारिक भाषाएं सबसे ज्यादा हैं। यहां कुल 16 आधिकारिक भाषाएं हैं, जिनमें अंग्रेजी से लेकर नांबिया, कलंगा, शांगानी, शोना, चेवा, सोथो, टोंगा, जोसा और साइन शामिल हैं। हालांकि यहां की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा शोना है, जो यहां की करीब 70 फीसदी आबादी बोलती है

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