एक खूबसूरत रानी, अपनी सुंदरता बरकरार रखने के लिए करती थी बेहद अजीबोगरीब काम
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इतिहास के ऐसी कई रानियों और राजकुमारियों के बारे में पढ़ने को मिलता है, जो अपने सौन्दर्य की वजह से दुनियाभर में मशहूर थी। हालांकि, ये अपने सुंदरता को बरकरार रखने के लिए कई तरह के अजीबोगरीब काम भी किया करती थी। आपने अक्सर लोगों को पानी से, गाय या भैंस के दूध से नहाते तो देखा और सुना होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया में एक ऐसी भी रानी थी, जो गधियों के दूध से नहाती थी। इसके लिए वो हर रोज 700 गधियों का दूध मंगाया करती थी। इस रानी को ना सिर्फ उनकी सुंदरता के लिए जाना जाता है, बल्कि उनका जीवन भी काफी रहस्मय रहा था।
दरअसल, हम बात कर रहे हैं मिस्र की राजकुमारी क्लियोपैट्रा के बारे में, जिसे सुंदरता की देवी भी कहा जाता था। क्लियोपेट्रा को न सिर्फ उनकी सुंदरता के लिए जाना जाता है, बल्कि उनका जीवन भी काफी रहस्मयी रहा था। आपको बता दें कि क्लियोपैट्रा दिखने में जितनी सुंदर थी, उससे कहीं ज्यादा चतुर और षड्यंत्रकारी भी थी।
पिता की मृत्यु के बाद मात्र 14 वर्ष की आयु में क्लियोपैट्रा और उसके भाई टोलेमी दियोनिसस को संयुक्त रूप से राज्य प्राप्त हुआ। भाई को राज्य पर क्लियोपैट्रा की सत्ता सहन नहीं हुई और बगावत हो गई। नतीजा ये हुआ कि क्लियोपैट्रा को अपनी सत्ता से हाथ धोना पड़ा और सीरिया में शरण लेनी पड़ी। लेकिन इस राजकुमारी ने साहस नहीं छोड़ा। रोम के शासक जूलियस सीजर को अपने मोह में फंसाकर क्लियोपैट्रा ने मिस्र पर हमला करवाया और सीजर ने टोलेमी को मारकर क्लियोपैट्रा को मिस्र के राजसिंहासन पर बैठा दिया।
कहा जाता है कि क्लियोपैट्रा इतनी खूबसूरत थी कि वो राजाओं और सैन्य अधिकारियों को अपनी सुंदरता के जाल में फंसाकर उनसे अपने सारे काम निकलवा लेती थी। इतना ही नहीं उसे दुनिया की 12 से ज्यादा भाषाओं का भी ज्ञान था। यही कारण था कि वो जल्दी ही किसी से भी जुड़ जाती थी और उसके सारे राज जान लेती थी।
क्लियोपैट्रा खूबसूरत दिखने के लिए हर रोज 700 गधी का दूध मंगाती थी और उससे नहाती थी, जिससे उसकी त्वचा हमेशा खूबसूरत बनी रहती थी। हाल ही में हुए एक शोध में भी यह बात साबित हो चुकी है। तुर्की में हुए एक अध्ययन के अनुसार, एक शोध के दौरान जब चूहों को गाय और गधी का दूध पिलाया गया, तो गाय का दूध पीने वाले चूहे ज्यादा मोटे नजर आए। इससे यह साबित होता है कि गधी के दूध में गाय के दूध की तुलना में कम वसा होता है, जो हर लिहाज से बेहतर होता है।
कहा जाता है कि क्लियोपैट्रा मिस्र पर शासन करने वाली अंतिम फराओ थीं। हालांकि, वह अफ्रीकी, कॉकेशियस या युनानी थीं, ये अभी तक रहस्य ही बना हुआ है। इस पर आज तक शोध जारी है। क्लियोपैट्रा की मौत महज 39 वर्ष की आयु में ही हो गई थी, लेकिन उसकी मौत कैसे हुई, ये भी आज तक रहस्य ही बना हुआ है।
कुछ लोगों का मानना है कि क्लियोपैट्रा ने सांप से डंक लगवाकर आत्महत्या कर ली थी, तो वहीं कुछ लोग कहते हैं कि उसकी मौत मादक पदार्थ (जहर) के सेवन से हुई थी। इसके अलावा कुछ लोगों का यह भी मानना है कि सांप से कटवाकर उसकी हत्या कर दी गई थी।