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7 बलशाली हाथी भी हुए फेल
दुनिया में ऐसी कई चीजें हैं, जिनके रहस्य को आज तक कोई नहीं समझ पाया है. इतना ही नहीं दुनिया की कुछ चीजें ऐसी हैं, जिनके बारे में वैज्ञानिक भी कोई नतीजे पर नहीं पहुंच पाए हैं। ऐसा ही एक अजूबा है 'कृष्णा की बटर बॉल' के नाम का एक विशालकाय पत्थर, जो दक्षिणी भारत में चेन्नई के एक कस्बे में महाबलीपुरम के किनारे स्थित है.
मान्यता है कि यह पत्थर करीब 1200 साल से ज्यादा पुराना है. यह रहस्यमयी पत्थर करीब 20 फीट ऊंचा और करीब 15 फीट चौड़ा है. यह पत्थर एक ढलान पर आश्चर्यजनक रूप से टिका हुआ है, जो न तो कभी हिलता है और ना ही कभी लुढ़कता है. कहा जाता है कि यह पत्थर सीधे स्वर्ग से गिरकर यहां आया है. ऐसा कहा जाता है कि यह कृष्ण के मक्खन का टुकड़ा है, जो खाते वक्त स्वर्ग से गिर गया था. इसी वजह से इस पत्थर को भगवान का पत्थर भी कहते हैं. हालांकि ये कल्पित कथाएं हैं.
इसे हिलाने में 7 बलशाली हाथी भी हुए फेल
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पल्लव वंश के राजा ने इस पत्थर को हटाने का प्रयास किया, लेकिन अनेक प्रयत्नों के बावजूद उनके शक्तिशाली लोग इसको खिसकाने में भी सफल नहीं हुए. साल 1908 में इस पत्थर पर मद्रास गवर्नर आर्थर की नजर पड़ी तो उन्होंने इसे हटाने के लिए सात हाथियों को लगाया था. मगर बलशाली हाथी भी इस काम में फेल हो गए थे और यह पत्थर टस से मस नहीं हुआ.
यह पत्थर अपने विशाल आकार के वाबजूद कृष्णा की यह बटर बॉल भौतिक विज्ञान के ग्रेविटी के नियमों की उपेक्षा करते हुए पहाड़ी की 4 फीट की सतह पर, अनेक शताब्दियों से एक जगह पर टिकी हुई है. यहां देखने वालों को महसूस होता है कि यह पत्थर किसी भी क्षण गिरकर इस पहाड़ी को चकनाचूर कर देगा जबकि पत्थर का अस्तित्व आज तक एक रहस्य बना हुआ है.
कुछ का मानना है कि यह पत्थर का प्राकृतिक प्रारूप है लेकिन जियोलॉजिस्ट मानते हैं कि कोई भी प्राकृतिक पदार्थ ऐसे असामान्य आकार के पत्थर का निर्माण नहीं कर सकते. कुछ स्थानीय लोग इसको भगवान का चमत्कार मानते हैं. आज के समय में कृष्णा बटर बॉल अब एक टूरिस्ट आकर्षण बन चुका है, जहां हजारों लोग हर साल इसको देखने आते है, जिनमें से कुछ इसको धकेलने का प्रयास भी करते हैं लेकिन कोई सफल नहीं हो पाता.
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