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5 ऐसे खतरनाक अपराधियों, जिन्हें अदालत ने सुनाई थी सैकड़ों साल की सजा

Shiddhant Shriwas
28 July 2021 8:45 AM GMT
5 ऐसे खतरनाक अपराधियों, जिन्हें अदालत ने सुनाई थी सैकड़ों साल की सजा
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आमतौर पर जहां इंसान की औसत आयु 60 साल की होती है, वहीं अगर किसी अपराधी को कोर्ट द्वारा हजारों-लाखों साल की सजा सुना दी जाए, तो जाहिर है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आमतौर पर जहां इंसान की औसत आयु 60 साल की होती है, वहीं अगर किसी अपराधी को कोर्ट द्वारा हजारों-लाखों साल की सजा सुना दी जाए, तो जाहिर है आपको हैरानी तो होगी ही। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से कुछ ऐसे ही अपराधियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें उनके अपराध के लिए अदालत की ओर से हजारों-लाखों साल की सजा सुनाई गई है।

थाईलैंड की चमोए थिप्यासो नाम की महिला दुनिया की सबसे लंबी जेल की सजा पाने वालों में से एक है। उसे साल 1989 में अदालत द्वारा 1,41,078 साल की सजा सुनाई गई थी। उसे एक पिरमिड स्कीम में 16,231 लोगों के करीब 19 करोड़ रुपये का चूना लगाने का दोषी पाया गया था। हालांकि, बाद में थाईलैंड में एक कानून पास हुआ कि धोखाधड़ी के मामले में अपराधी को कितनी भी लंबी सजा क्यों न सुनाई गई हो, उसे 20 साल से ज्यादा जेल में नहीं रखा जा सकता है।


स्पेन के 22 वर्षीय पोस्टमैन गैब्रीअल मार्च ग्रनाडोस को साल 1972 में 3,84,912 साल की सजा सुनाई गई थी। उसे 40 हजार से ज्यादा पत्र और पार्सल डिलिवर न करने का दोषी पाया गया था। अदालत ने प्रत्येक पत्र और पार्सल के बदले उसे 9-9 साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, बाद में उसकी लाखों साल की ये सजा घटाकर 14 साल कर दी गई थी।


साल 1994 में एलन वेन मैकलॉरिन नाम के शख्स को कई मामलों में दोषी करार दिया गया था और उसे कुल 21,250 साल की सजा मिली थी। एलन को रेप के चार मामलों में कुल आठ हजार साल, जबरन अप्राकृतिक संबंध बनाने के चार मामलों में आठ हजार साल, अपहरण के मामले में 1750 साल, खतरनाक हथियार से हमले के मामले में 1500 साल और लूटपाट के कुछ मामलों में 500-500 साल की सजा सुनाई गई थी। एलन के साथी को भी अदालत ने कुल 11,250 साल की सजा सुनाई थी।


स्पेन की राजधानी मैड्रिड में साल 2004 में हुए ट्रेन विस्फोटों में शामिल आतंकियों में से एक आतंकी ऑथमैन अल नाओई को अदालत ने 42,924 साल की सजा सुनाई थी, जबकि उसके साथी जमाल जोउगम को 42,922 साल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि स्पैनिश कानून कहता है कि किसी को भी 40 साल से ज्यादा जेल में नहीं रखा जा सकता है।


साल 1994 में अमेरिकी राज्य अल्बामा के रहने वाले चार्ल्स स्कॉट रॉबिन्सन नाम के शख्स को अदालत ने रेप के मामले में कुल 30 हजार साल की सजा सुनाई थी। जज ने उसे कुल छह मामलों में 5-5 हजार साल की सजा सुनाई थी। चार्ल्स को इतनी लंबी सजा सुनाने के बाद जज ने बताया कि वह उसे बिना परोल के उम्रकैद की सजा नहीं दे सकते थे, इसलिए उन्होंने इतनी लंबी सजा सुनाई, ताकि वह अपनी बाकी की जिंदगी जेल में ही बिताए। इसका मतलब ये था कि चार्ल्स को पहली परोल तब मिलती, जब उसकी उम्र 108 साल हो जाती।

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