जरा हटके
26 साल की लड़की ने सूई और काली स्याही से गोद डाला अपना शरीर, बदल दी अपनी शक्ल
Gulabi Jagat
22 March 2022 11:35 AM GMT
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रवीना नाम की 26 साल की लड़की की शक्ल-सूरत देखकर आपके सिर में दर्द होने लगेगा, लेकिन
Woman Covered Herself in Tattoo to feel Secure : रवीना (Ravena) नाम की 26 साल की लड़की की शक्ल-सूरत देखकर आपके सिर में दर्द होने लगेगा, लेकिन खुद उसे अपनी यही सूरत पसंद है. ब्राज़ील की रहने वाली रवीना पेशे से टैटू आर्टिस्ट (Tattoo Artist) और मॉडल हैं. वे बताती हैं कि टीनएज में उन्हें अपनी सूरत और बॉडी बिल्कुल पसंद नहीं थी और आत्मविश्वास (Tattoo Ink Gives Confidence to Girl) हासिल करने के लिए उन्होंने शरीर पर टैटू गुदवाना शुरू किया.
Daily Star की रिपोर्ट के मुताबिक रवीना अपने टैटू के प्रति जुनून को आत्मविश्वास से जोड़कर देखती हैं. उनहोंने बताया कि 18 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार टैटू कराया था, जब उन्हें सड़क पर एक बॉडी आर्ट बनाए हुए शख्स दिखाई दिया. वे उसके आत्मविश्वास से प्रभावित हो गईं.
उनका पहला टैटू उन्होंने अपनी पीठ पर करवाया था, जिसमें एक एक जनजातीय महिला हाथों में फूल लिए हुए थी. वे बताती हैं कि टैटू से उन्हें कॉन्फिडेंस मिला और उन्हें इस पर कोई पछतावा नहीं है.
टैटू आर्टिस्ट एंड मॉडल के मुताबिक उन्हें अपने पेट पर टैटू बनवाने में सबसे ज्यादा मुश्किल हुई क्योंकि यहां उन्हें बेतहाशा दर्द सहना पड़ा. अब उनके शरीर के ज्यादातर अंग काले स्याही में ढके हुए हैं और वे इन्हें अपने अनुभव से बनवाती हैं.
रवीना के सिर्फ शरीर पर ही काले रंग के तमाम टैटू मौजूद हैं. इसके अलावा उन्होंने अपनी आंखों में भी काले रंग का टैटू कराया हुआ है. हालांकि वे खुद इस प्रोसेस को खतरनाक बताती हैं और उनका कहना है कि इसे एक्सपर्ट से ही कराना चाहिए. हैरानी की बात ये है कि रवीना के मुताबिक इसमें दर्द नहीं होता.
रवीना अपनी टैटू से भरी हुई बॉडी को पसंद करती हैं और इंस्टाग्राम पर इसकी तस्वीरें डालती हैं. उनका कहना है कि टीनएज में उन्हें अपने बॉडी को लेकर जो इनसिक्योरिटी थी, उसे उन्होंने टैटू के ज़रिये खत्म किया.
ज्यादातर टैटूज़ में उनकी ज़िंदगी से जुड़े हुए लम्हे शामिल हैं. उनका सबसे पसंदीदा टैटू उनकी बेटी की आंख है, जो बाएं हाथ में गुदवाई हुई है. वे अपने चेहरे के टैटू को भी पसंद करती हैं और उन्हें लगता है कि ये सबसे ज्यादा सूट करता है.
उनके इस अनोखे रूप को उनके परिवारवाले भी स्वीकार कर चुके हैं. वे इस चित्रकारी को अपने ज़िंदगी की प्रेरणा मानती हैं और उन तमाम यादों का पिटारा भी, जो उनकी ज़िंदगी में बीत चुकी हैं.
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