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26 बार हाईस्कूल में फेल वाली पोस्ट के पीछे जाने क्या है सच

Subhi
9 Jun 2022 2:12 AM GMT
26 बार हाईस्कूल में फेल वाली पोस्ट के पीछे जाने क्या है सच
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सोशल मीडिया पर तरह-तरह की पोस्ट वायरल होती रहती हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि उस पोस्ट में कितनी सच्चाई होती है? पोस्ट देखकर सच मानने वाले लोग तुरंत ही लोगों से शेयर करने लग जाते हैं.

सोशल मीडिया पर तरह-तरह की पोस्ट वायरल होती रहती हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि उस पोस्ट में कितनी सच्चाई होती है? पोस्ट देखकर सच मानने वाले लोग तुरंत ही लोगों से शेयर करने लग जाते हैं. कई बार तो सोशल मीडिया (Social Media) के ट्रोलर्स अकाउंट्स भी बिना असलियत का पता लगाए ही इसे अपने पेज पर शेयर कर देते हैं, जिससे लोग सच मानने लगते हैं. कुछ ऐसा ही एक और मामला सामने आया है, जिसमें एक शख्स ने 26 बार हाई स्कूल में फेल होकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का दावा किया है. हालांकि, इस पोस्ट में कितनी सच्चाई है, इसके बारे में हम आपको आगे बताएंगे.

26 बार हाईस्कूल में फेल वाली पोस्ट के पीछे क्या है सच?

हाल ही में, 6 जून को यूपी बोर्ड का रिजल्ट घोषित किया गया. इस दौरान उमेश चंद्र सति नाम के फेसबुक अकाउंट से एक पोस्ट शेयर किया गया. जिसमें लिखा, 'विश्व रिकार्ड- लगातार 26वीं बार हाई स्कूल में फेल होने पर आज सभी ग्रामवासियों ने फूल-मालाओं से सम्मानित किया. धन्यवाद आप सभी का. अग्रिम कोशिश जारी रहेगी.' इसके साथ ही एक मार्कशीट की तस्वीर भी साझा की. वहीं एक अन्य फोटो में दो महिलाओं द्वारा उन्हें फूल-माला पहनाया जा रहा है. इस घटना के बारे में जैसे ही सच जानने की कोशिश की मामला कुछ और ही निकलकर आया. यह पोस्ट पूरी तरह से गलत और Fake है.

फूल-माला वाली तस्वीर तो बेहद पुरानी

उमेश चंद्र सति का फेसबुक पोस्ट खंगाला गया तो पता चला कि फूल-माला वाली तस्वीर तो बेहद पुरानी है, जिसे उन्होंने रीशेयर किया. इस तस्वीर को 31 अक्टूबर 2021 और 1 नवंबर 2021 को भी शेयर किया था. इसके साथ ही कमेंट बॉक्स में भी लोग इसकी सच्चाई के बारे में बताया गया. फेसबुक अकाउंट के मुताबिक, उमेश चंद्र उत्तराखंड के चमोली स्थित पीपलकोटी गांव के निवासी हैं.

उमेश द्वारा शेयर की गई पोस्ट थी फेक

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उमेश चंद्र सति ने यह पोस्ट सिर्फ हंसी-मजाक के लिए शेयर किया था, जो 24 घंटे के भीतर ही वायरल हो गई और लोग उन्हें बधाई देने लगे. इसका असल घटना से कोई संबंध नहीं है. यह भी जानकारी मिली कि मार्कशीट की फोटो किसी ने उन्हें तीन-चार साल पहले वॉट्सऐप पर भेजी थी, जिसे अपने पोस्ट में अटैच किया. उमेश ने बताया कि उन्होंने 11वीं तक की पढ़ाई की है और वह अब किसी प्राइवेट कंपनी में काम कर रहे हैं. उनकी 10वीं की मार्कशीट खो चुकी है.


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