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बौद्ध मंदिर में मिली 2000 साल पुरानी अद्भुत चीज

Tulsi Rao
3 Dec 2023 5:33 AM GMT
बौद्ध मंदिर में मिली 2000 साल पुरानी अद्भुत चीज
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धरती के अंदर आज भी ऐसे कई रहस्य छिपे हुए हैं, जिनके सामने आने पर हैरानी भी होती है और मन में कई तरह के सवाल भी उठते है. अक्सर देखा और सुना जाता है कि, खुदाई में कभी खजाना, तो कभी कोई ऐसी चीजें निकलकर सामने आईं हैं, जिसे देखकर कई बार खुद की ही आंखों पर यकीन कर पाना मुश्किल हो जाता है. ऐसे खजाने कभी जमीन में दफन, तो कभी समुद्र में डूबे होते हैं, जो अक्सर चर्चा की विषय बन जाते हैं. दरअसल, हाल ही में पाकिस्तान (Pakistan) में 2000 साल पुराने सिक्कों का अत्यंत दुर्लभ खजाना मिला है.

यहां देखें पोस्ट

16-11-2023: (Day Two)
View of Salvage Operation carried out by Dr. Syed Shakir Ali Shah (Director MJD) & Staff at Buddhist Stupa of Mohenjodaro. Today a Copper Coins hoard was found during the conservation work from west of stupa and monastery. pic.twitter.com/8Rb6Nr4CxK

— Sheikh Javed Ali Sindhi (@oxycanus) November 16, 2023

2000 साल पुराने सिक्कों का खजाना

बताया जा रहा है कि, हाल ही में पाकिस्तान (Pakistan News) में 2000 साल पुराने सिक्कों का खजाना मिला है, जो कि एक प्राचीन बौद्ध मंदिर (बौद्ध मंदिर (Buddhist shrine) को स्तूप भी कहा जाता है) के खंडहरों के नीचे से मिला है. लाइवसाइंस की रिपोर्ट के अनुसार, ये खजाना आर्कियोलॉजिस्ट्स को दक्षिणपूर्व पाकिस्तान में प्राचीन स्थल मोहनजोदड़ो (Mohenjo-Daro) पर बने एक बौद्ध मंदिर के खंडहरों में दबा मिला है, जो लगभग 2600 ईसा पूर्व का है.

खुदाई में मिला कुषाण काल का खजाना

16-11-2023: (Day Two)
View of Salvage Operation carried out by Dr. Syed Shakir Ali Shah (Director MJD) & Staff at Buddhist Stupa of Mohenjodaro. Today a Copper Coins hoard was found during the conservation work from west of stupa and monastery. pic.twitter.com/sVhEXGF6Z6

— Sheikh Javed Ali Sindhi (@oxycanus) November 16, 2023

खुदाई में मिले 5.5 किलोग्राम के ये सिक्के तांबे के हैं और हरे रंग के हैं, जिनकी संख्या 1000 से 1500 बताई जा रही है. इन कुछ बाहरी सिक्कों पर एक खड़ी आकृति बनी हुई है. रिसर्चर्स का मानना है कि, यह संभवत: कुषाण राजा की हो सकती है. हाल ही में मिला ये खजाना कुषाण काल (Kushan Empire) का बताया जा रहा है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, कुषाण साम्राज्य के दौरान बौद्ध धर्म का काफी प्रसार हुआ था.

आर्कियोलॉजिस्ट और गाइड शेख जावेद अली सिंधी ने बताया कि, ‘लगभग 1600 साल बाद खंडहरों पर स्तूप का निर्माण किया गया था. खुदाई में मिले सिक्कों को अब आर्कियोलॉजिकल लेबोरेटरी में सावधानीपूर्वक साफ किया जाएगा.’

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