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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Pen Will Teach In Absence Of Teacher: स्कूलों में आमतौर पर ऐसा होता है कि कोई शिक्षक छुट्टी पर है तो उस दिन उसकी वो क्लास खाली रहती है और बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पाती. कई ऐसी जगहें भी हैं जहां स्कूलों में शिक्षकों की कमी है. हिमाचल प्रदेश भी ऐसा ही राज्य है, जहां के स्कूलों में शिक्षकों की कमी है. शिक्षकों की कमी होने से बच्चों की पढ़ाई पर खासा असर पड़ता है. इस कमी को पूरा करने के लिए यहां के एक शिक्षक ने अनोखा पेन बनाया है. यह पेन शिक्षक के नहीं रहने पर बच्चों को पढ़ाएगा. जी हां, आपने सही सुना. शिक्षकों के नहीं रहने पर ये अनोखी टेक्नोलॉजी बच्चों को पढ़ाएगी.
20 फीट लंबा और 41 किलो वजनी है ये अनोखा पेन
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के दुर्गम क्षेत्र में स्थित राजकीय उच्च विद्यालय नौरंगाबाद स्कूल के विज्ञान के शिक्षक डॉ. संजीव अत्री ने एक ऐसा पेन तैयार किया है जो टीचर के नहीं रहने पर बच्चों की क्लास लेगा. लोहे और लकड़ी से तैयार 20 फीट लंबे और एक फीट चौड़े इन पेन में साउंड सेंसर का इस्तेमाल किया गया है. इस पेन को बिजली या सौर ऊर्जा से चार्ज किया जा सकता है. बता दें कि इस पेन का वजन काफी ज्यादा है. ये अनोखा पेन 41 किलोग्राम का है. इसके वजन और लंबाई के कारण कोई भी बच्चा इसे आसानी से कुछ नहीं कर पाएगा.
बच्चों को कहानी और गीत भी सुनाएगा ये अनोखा पेन
कोई शिक्षक यदि छुट्टी लेने वाला है तो एक दिन पहले उससे बच्चों को पढ़ाए जाने वाले चैप्टर को तैयार करवाकर पेन में सेव कर दिया जाएगा. जिससे शिक्षक के न आने पर बच्चों को पेन के जरिए उस शिक्षक की आवाज में पढ़ाया जा सके. वहीं, पेन के ढक्कन वाले हिस्से पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं, जिसका नियंत्रण स्कूल प्रबंधन के पास रहेगा जिससे बच्चों पर नजर भी रखी जा सकेगी. इतना ही नहीं, यह पेन रात के समय रोशनी भी बिखेरेगा. खाली पीरियड में यह पेन बच्चों को कहानी भी सुनाएगा. साथ ही बच्चे इस पेन से गीत भी सुन सकते हैं. इस अनोखे पेन की खोज से शिक्षकों की कमी से निपटने में मदद जरूर मिलेगी.
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