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मिट्टी खाने को मजबूर हैं लोग
बुरुंडी- ये देश गृह युद्ध से जूझ चुका है और दुनिया के गरीब देशों में सबसे ऊपर आता है. इसके लगभग 12 मिलियन नागरिकों में से 90 फीसदी जीवनयापन के लिए कृषि पर निर्भर हैं. लोगों को पानी और गंदगी के बीच रहना पड़ता है. यहां (Burundi) भ्रष्टाचार बहुत ज्यादा है. दस फीसदी से भी कम आबादी को बिजली मिल पाती है. यहां प्रति व्यक्ति जीएनआई 686 डॉलर है.
मध्य अफ्रीकी गणराज्य- इस देश (The Central African Republic) की जीएनआई दुनिया के किसी भी देश से काफी कम है. इसे फ्रांस से 1960 में आजादी मिली थी. लेकिन कई बार हुई उथल-पुथल ने देश को तबाह कर दिया है. यहां तख्तापलट, धार्मिक हिंसा और भ्रष्ट सरकारी अधिकारी भी इस हालत के जिम्मेदार हैं. यहां की प्रति व्यक्ति जीएनआई 663 डॉलर है.
डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (डीआरसी)- यह प्राकृतिक संसाधनों जैसे तांबे, हीरे और अन्य खनिज से समृद्ध देश है. लेकिन फिर भी गृह युद्धों के कारण देश में अब तक 60 लाख से अधिक लोगों को मौत और विस्थापन का सामना करना पड़ा है. भ्रष्टाचार और खराब बुनियादी ढांचे के कारण देश (Democratic Republic of Congo) की आर्थिक वृद्धि भी घट रही है. यहां प्रति व्यक्ति जीएनआई 796 डॉलर है.
नाइजर- इस देश (Niger) को भी 1960 में फ्रांस से आजादी मिली थी. लेकिन बर्बाद होती अर्थव्यवस्था के कारण देश की 80 फीसदी से ज्यादा आबादी ग्रामीण इलाकों में बिना बिजली और अस्पताल जैसी महत्वपूर्ण सुविधा के रहती है. इसके अलावा यहां लंबे समय से राजनीतिक अस्थिरता और तख्तापलट होते रहे हैं. जो लोग शहरी क्षेत्रों में रहते हैं, उनमें भी ज्यादातर झोपड़ियों में रहते हैं. हालांकि देश में 2017 में 4.9 फीसदी आर्थिक वृद्धि देखी गई थी. यहां प्रति व्यक्ति जीएनआई 906 डॉलर है.
मलावी- इस देश की 70 फीसदी से ज्यादा आबादी प्रतिदिन 1.90 डॉलर या इससे भी कम में गुजारा करती है. ज्यादातर गरीब देश कृषि पर निर्भर हैं और मलावी (Malawi) भी ऐसा ही देश है. ज्यादातर लोगों के लिए खेतीबाड़ी ही कमाई का मुख्य साधन है. लेकिन एचआईवी जैसी वायरल बीमारियों के कारण बड़ी आबादी प्रभावित हुई है. यहां प्रति व्यक्ति जीएनआई 1,604 डॉलर है.
लाइबेरिया- अफ्रीका का ये पुराना देश अब भी गरीबी झेल रहा है (Liberia). यहां गृह युद्ध 2003 में समाप्त हुआ था, जिससे थोड़ी शांति और स्थिरता आई है लेकिन इसके बाद भी लोग गरीबी से बाहर नहीं निकल पाए हैं. भ्रष्ट सरकार लोगों की जरूरतों को समझने में नाकाम रही है. यहां प्रति व्यक्ति जीएनआई 1,078 डॉलर है.
मोजाम्बिक- पूर्व पुर्तगाली उपनिवेश मोजाम्बिक के स्थानीय लोगों के लिए कृषि योग्य भूमि, प्राकृतिक गैस और पानी का निरंतर स्रोत रहे हैं (Mozambique). लेकिन 1992 में खत्म हुआ गृह युद्ध, जलवायु की खराब स्थिति और राजनीतिक अस्थिरता देश की प्रगति में बाधक बने रहे हैं. इसके अलावा 2017 के बाद से इस्लामी समूहों का आतंक भी यहां बढ़ता जा रहा है. यहां प्रति व्यक्ति जीएनआई 1,100 डॉलर है.
मैडागास्कर- यह पूर्वी अफ्रीका में स्थित एक द्वीपीय देश है. यहां का वन्य जीवन भी काफी समृद्ध है. लेकिन अकेले पर्यटन से ही देश की हालत में सुधार नहीं आ रहा है (Madagascar). स्थानीय लोगों में से ज्यादातर कृषि पर निर्भर हैं. लेकिन खराब मौसम के कारण इस काम में भी लोगों को मायूसी ही हाथ लगती है. इसके साथ ही ये देश हाल के वर्षों से हिंसक तख्तापलट और भ्रष्टाचार का सामना कर रहा है. यहां प्रति व्यक्ति जीएनआई 1,339 डॉलर है.
सिएरा लियोन- पश्चिम अफ्रीका के अन्य देशों की तरह सिएरा लियोन भी संसाधनों से समृद्ध देश है. लेकिन यहां भी लोग वर्षों से गृह युद्ध से जूझ रहे हैं (Sierra Leone). इसके अलावा यहां की भ्रष्ट सरकार ने बदलाव लाने के लिए कुछ नहीं किया है. ये देश इबोला वायरस से भी जूझ चुका है. सिएरा लियोन की प्रति व्यक्ति जीएनआई 1,348 डॉलर है.
हैती- कैरेबियाई देश हैती (Haiti) में भी लोग गरीबी के बीच रहते हैं. देश की 24.7 फीसदी आबादी भीषण गरीबी में रहती है. जिनका प्रतिदिन 1.25 डॉलर से कम में गुजारा होता है. इसके साथ ही करीब 59 फीसदी लोग 2 डॉलर से कम में अपना गुजारा करते हैं. हालांकि साल 2000 के बाद से अत्यधिक गरीबी की दर में गिरावट शुरू हो गई है. यहां की प्रति व्यक्ति जीएनआई 3,040 डॉलर है. हाल ही में ये देश तब चर्चा में आया था, जब एक वीडियो वायरल हुआ. जिसमें यहां के लोग मिट्टी की रोटी बनाकर खाते देखे गए थे.
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