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कोरोना महामारी ने इंसान और जानवरों दोनों की ही जिंदगी पटरी से उतार दी है.
कोरोना महामारी ने इंसान और जानवरों दोनों की ही जिंदगी पटरी से उतार दी है. एक ओर जहां इंसान अपनी जिंदगी को चलाने के लिए मशक्कत कर रहा है. वहीं कई जगह पर लॉकडाउन लगा होने की वजह से स्ट्रीट डॉग्स को खाना तक नहीं मिल पा रहा. लेकिन कुछ लोग हैं जो इस मुश्किल वक्त में भी इन बेजुबानों की मदद कर रहे हैं. ऐसे ही एक बुजुर्ग हैं जिनकी उम्र 70 साल है. वह पिछले 20 वर्षों से अपनी कमाई से इन बेसहारा कुत्तों का पेट भरते आ रहे हैं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 70 वर्षीय मनियन पिल्लई केरल के तिरुवनंतपुरम जिले के Kazhakoottam इलाके के रहने वाले हैं. पिल्लई लगभग दो दशक से बेजुबानों को खाना खिला रहे हैं. वह कहते हैं, 'मुझे शुरू से ही जानवरों से प्यार रहा है. जब भी मैं किसी भूखे डॉग को देखता हूं तो उसे खाना खिलाता हूं. मेरा मानना है कि धरती सिर्फ इंसानों की ही नहीं बल्कि जानवरों की भी है. इसलिए इंसानों को उनके साथ रहना सीखना चाहिए. यही वजह है कि मैं पहले इन बेजुबानों का पेट भरने की कोशिश करता हूं.'
उनके पास अपना घर और नौकरी नहीं है
पिल्लई की दरियादिली का अंदाजा इससे ही लगा सकते हैं उनके पास अपना घर और नौकरी नहीं है. लेकिन इसके बावजूद वो इन बेजुबानों को खाना खिलाना बिलकुल नहीं भूलते. पिल्लई ने 10 वर्षों तक भारतीय सेना में काम किया. लेकिन फिर उन्होंने खुद ही नौकरी छोड़ दी. नौकरी छोड़ देने की वजह से उन्हें पेंशन भी नहीं मिलती. पिछले लॉकडाउन की वजह से वो अपना काम भी गंवा बैठे.
एक जानकारी के मुताबिक इन दिनों पिल्लई अपने एक दोस्त की दुकान में रह रहे हैं. पिल्लई कहते हैं, 'मेरा पूरा दिन इनके आस-पास ही गुजर जाता है. इन डॉग्स को खाना खिलाकर मुझे बहुत खुशी मिलती है. उन्हें इन डॉग्स से इतना लगाव है कि कभी-कभी वो इन पर हजार रुपए तक खर्च कर देते हैं. हालांकि कुछ लोग उन्हें ऐसा करने से रोकते हैं और डॉग्स के पीछे डंडा लेकर भागते हैं. लेकिन उनका मानना है कि लोगों को बदलना चाहिए.'
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