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श्री अरविंदो कॉलेज में गोल्डन जुबली समारोह श्रृंखला के अंतर्गत लगी युवा संसद

Admin Delhi 1
11 July 2022 5:36 AM GMT
श्री अरविंदो कॉलेज में गोल्डन जुबली समारोह श्रृंखला के अंतर्गत लगी युवा संसद
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नई दिल्ली न्यूज़: दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध श्री अरबिंदो कॉलेज में साल भर चलने वाले अपने गोल्डन जुबली समारोह श्रृंखला के अंतर्गत कॉलेज की आईक्यूएसी यूनिट के तत्वावधान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति संभावना एवं चुनौतियां युवा संसद का आयोजन किया गया। जिसमें डीयू कॉलेजों के अतिरिक्त 33 संस्थानों के 93 युवा प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में मुख्यअतिथि प्रबंध समिति के चेयरमैन देवेंद्र तोमर , कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर विपिन कुमार , आईक्यूएसी की संयोजक प्रो. संगीता कौल , मीडिया संयोजक डॉ.हंसराज सुमन आदि शिक्षकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया ।

युवाओं को राजनीति में आने के लिए प्रेरित करने वाला मंच: कॉलेज प्राचार्य प्रो. विपिन कुमार ने कहा कि असल में युवा संसद देश के शिक्षित युवाओं को भ्रष्टाचारमुक्त, लोकतान्त्रिक मूल्यों की रक्षा करते हुए साफ सुथरी राजनीति में युवाओं को आगे आने की प्रेरणा देने वाला मंच है, जो शुचिता पूर्ण राजनितिक माध्यमों और लोक हित को सर्वोपरि मूल्य मानता है। इसमें छात्र - छात्राएं विभिन्न सांसदों की भूमिका निभाते हुए लोक प्रतिनिधियों के रूप में अपनी - अपनी तर्कपूर्ण बात रखते हुए वाद विवाद करते हैं। जिसमें विजेता प्रतिनिधियों को पुरस्कारों एवं प्रशस्ति पत्रों से सम्मानित किया जाता है। ऐसे में जब आज राष्ट्र अपनी स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती मना रहा हो युवा शिक्षितों को राजनीति में आने को प्रेरित करने वाला यह आयोजन उचित ही नहीं बल्कि एक मील का पत्थर साबित हो सकता है ।

छात्र-छात्राओं ने विभिन्न सांसदों की भूमिका निभाते हुए वाद विवाद के रूप में की बहस: यदि पढ़ा लिखा समाज आज यह समझ ले कि उसका हित एवं दायित्व उसके नैतिक कर्तव्यों में है तो निश्चित रूप से देश भ्रष्टाचार और वंशवाद से मुक्त हो जायेगा। उन्होंने भाग ले रहे छात्र छात्राओं की सराहना करते हुए उनसे वास्तविक राजनीति में आगे आने का आह्वान किया। कॉलेज चेयरमैन देवेंद्र तोमर ने छात्रों की ससंद की सहराना करते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया । इस आयोजन में विश्वविद्यालय एवं अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों से आये छात्र - छात्राओं ने विभिन्न सांसदों की भूमिका निभाते हुए वाद विवाद के रूप में संसद की बहसों की तरह जोरदार बहस की जो अत्यंत गंभीर किन्तु दिलचस्प रही।

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