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भारत को सबसे शक्तिशाली देशों में से एक बनाने के लिए युवाओं का आह्वान
Rani Sahu
28 March 2023 5:18 PM GMT
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आने वाले समय में भारत को सबसे शक्तिशाली देशों में से एक बनाने को लेकर सरकार की सोच को साकार करने में सहायता करने के लिए युवाओं से नई कंपनियों और अनुसंधान व विकास प्रतिष्ठानों के बारे में सोचने, नवाचार करने और उन्हें स्थापित करने का आह्वान किया। रक्षा मंत्री ने बताया कि अब जबकि देश 'अमृत काल' में प्रवेश कर चुका है, सरकार ने नवीनतम प्रौद्योगिकी के उपयोग और व्यापार करने में सुगमता, जिसने युवाओं को अपने सपनों को साकार करने का अवसर दिया, को बढ़ावा देने को लेकर कई नीतियों व कदमों को लागू करके एक मजबूत और आत्मनिर्भर 'नए भारत' के लिए आधार तैयार किया है।
रक्षा मंत्री ने व्यवसाय की स्थापना के लिए प्रौद्योगिकी को सबसे महत्वपूर्ण घटक बताया। राजनाथ सिंह ने इस पर जोर दिया कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) व वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) जैसे अनुसंधान व विकास प्रतिष्ठानों में बड़े पैमाने पर सुधार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने शिक्षा और उद्योग के बीच जुड़ाव स्थापित किया है, जिससे अब विश्वविद्यालयों के किए जा रहे शोध अत्याधुनिक तकनीकों और उत्पादों के विकास के लिए उद्योगों तक पहुंचते हैं।
राजनाथ सिंह ने भारत के युवाओं की अद्वितीय ऊर्जा की तुलना परमाणु ऊर्जा की विशेषताओं से की और इसके प्रभावी उपयोग के लिए 'दिशा' की महत्ता पर जोर दिया। अपने इस वक्तव्य के समर्थन में उन्होंने कहा, भारत में आज 90,000 से अधिक स्टार्ट-अप्स हैं, जिनमें से 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं और यह युवाओं के उत्साह व ऊर्जा के कारण संभव हुआ है।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार परमाणु ऊर्जा के सर्वश्रेष्ठ उपयोग के लिए दिशा की जरूरत होती है, उसी प्रकार युवाओं की ऊर्जा को राष्ट्र निर्माण और सामाजिक कल्याण के लिए निर्देशित करने की आवश्यकता है। रक्षा मंत्री ने कहा कि इस ऊर्जा को मूल्यों, संस्कृतियों और परंपराओं के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है।
वहीं, रक्षा मंत्री ने विश्वास व्यक्त कि कि जल्द ही देश में नई व्यावसायिक संस्थाएं और कारखाने स्थापित होंगे और उनमें विशेषज्ञ लोग अपनी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने छात्रों से कहा कि राष्ट्र के प्रति उनकी उतनी ही जिम्मेदारी है, जितनी कि उनकी अपनी कंपनियों के लिए है।
राजनाथ सिंह ने बैंकिंग क्षेत्र में सरकार के किए गए सुधारों की श्रृंखला को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, 2014 में कई बैंक डूबे हुए कजरें (एनपीए) और घाटे के बोझ तले दबे हुए थे। वे नए कर्ज को देने की स्थिति में बिल्कुल नहीं थे। कुछ बैंकों के निजीकरण के जरिए हम उन्हें नया जीवन देने के प्रयास कर रहे हैं। हमने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को पूंजीकृत करके उन्हें फिर से जीवित किया है।
--आईएएनएस
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Rani Sahu
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