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जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान, वर्दी पहनकर करता था ऐसा काम
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पुलिस ने वर्दी पहनकर ठगी करने वाले निष्कासित सिपाही को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को साल 2021 में दिल्ली पुलिस से निकाल दिया गया था। उसे ठगी की कई वारदात में शामिल होने की वजह से निकाला गया था।
दिल्ली पुलिस का पूर्व सिपाही निष्कासित होने के बाद भी वसूली से बाज नहीं आ रहा था। आरोपी ने वर्दी पहनकर एक दुकानदार से अपने बैंक खाते में 16 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिए। बाद में उसे डरा-धमकाकर चला गया। पीड़ित ने उत्तरी जिला साइबर थाना पुलिस से शिकायत की तो पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी पूर्व सिपाही को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया।
इसकी पहचान झज्जर, बहादुरगढ़ निवासी रोहित दलाल के रूप में हुई है। रोहित इससे पहले ठगी के पांच मामलों में शामिल रह चुका है। वर्ष 2021 में उसे दिल्ली पुलिस से निकाल दिया गया था। पिछले दिनों साइबर थाना पुलिस को ठगी की शिकायत मिली थी। सिविल लाइंस स्थित मजनूं का टीला निवासी राहुल कुमार सिंह ने बताया कि वह इलाके में साइबर कैफे चलाता है।
उसकी दुकान पर ट्रैफिक पुलिस की वर्दी पहने एक युवक आया। उसने खुद की बड़ी मजबूरी बताकर उसके फोन-पे पर 16 हजार रुपये ट्रांसफर करने की गुजारिश की। आरोपी ने कहा कि रुपये ट्रांसफर करते ही वह उसे कैश दे देगा। राहुल ने पुलिसकर्मी समझकर रुपये ट्रांसफर कर दिए लेकिन इसके बाद वह बिना कैश दिए ही जाने लगा।
अपने रुपये मांगने पर आरोपी ने धमकाते हुए चुप रहने के लिए कहा। उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त सागर सिंह कलसी ने बताया कि पीड़ित की शिकायत मिलने पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई। साइबर थाना प्रभारी पवन तोमर, एसआई रोहित व अन्य की टीम ने जांच शुरू की। साइबर कैफे की सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई। आरोपी की फोटो पुलिसकर्मियों को दिखाई गई, लेकिन किसी ने उसको नहीं पहचाना।
बाद में पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस की मदद ली। यूपीआई आईडी की मदद से जांच करने पर आरोपी की पहचान रोहित दलाल के रूप में हुई। यह भी पता चला कि वह पहले दिल्ली पुलिस का सिपाही था, लेकिन ठगी की कई वारदात में शामिल होने की वजह से उसे निकाल दिया गया था।
सट्टा खेलने वाले एप ने कर दिया जीवन बर्बाद
पूछताछ में रोहित ने बताया कि वह वर्ष 2016 में दिल्ली पुलिस में सिपाही भर्ती हुआ था। शुरुआत में उसकी तैनाती बटालियन में हुई। यहां उसे सट्टा खेलने वाले नामी एप का पता चला। शुरुआत में उसने छोटी रकम से सट्टा शुरू किया, जिसको धीरे-धीरे इसने बड़ा कर दिया। बाद में पूरी सैलरी सट्टे में लुटाने लगा।
यहां तक इसने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से कर्ज लेकर रकम सट्टे में लगा दी, जिसको वह हार गया। बाद में अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए ठगी का रास्ता चुना। इसके खिलाफ अशोक विहार, आदर्श नगर, बाबा हरिदास नगर और जहांगीरपुरी में ठगी के मामले दर्ज हुए। रोहित की हरकतों की वजह से उसे दिल्ली पुलिस से निष्काषित कर दिया गया।