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आप कुछ त्याग नहीं करना चाहते, कोर्ट से चाहते हैं सभी समाधान: सुप्रीम कोर्ट
दिल्ली न्यूज़: सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली मामले की सुनवाई के दौरान उन खरीदारों से पैसों का योगदान करने के लिए कहा जिनके पास फ्लैटों का कब्जा है ताकि आम्रपाली घर खरीदार समुदाय के अन्य सदस्यों के फ्लैट भी बनवाए जा सके। कोर्ट ने कहा कि आप कुछ भी त्याग नहीं करना चाहते हैं और सभी सुविधाएं भी चाहते हैं। आप ऊंचे पद पर बैठे हैं और आप चाहते हैं कि अदालत समाधान निकाले। कोर्ट ने यह तब कहा जब आम्रपाली के घर खरीदारों ने अधूरी परियोजना के निर्माण के लिए धन जुटाने के लिए अप्रयुक्त एफएआर को बेचने व भूखंड को विभाजित करने और इसके अप्रयुक्त हिस्से को बेचने के प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया।
चीफ जस्टिस (सीजेआई) यूयू ललित और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने सवाल किया कि घर खरीदार अपनी सभी समस्याओं को अदालत से हल करने की मांग कर रहे हैं लेकिन वे कुछ भी त्याग करने के लिए तैयार नहीं हैं। कहा कि वे (घर खरीदार) बस यात्रियों वाली मानसिकता दिखा रहे हैं, जहां बस के अंदर आराम से बैठे लोग नहीं चाहते कि दूसरे अंदर आएं। सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि (आम्रपाली समूह के मामलों का प्रबंधन करने के लिए अदालत द्वारा नियुक्त रिसीवर) ने अप्रयुक्त एफएआर को बेचने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने पीठ से कहा कि धन की कमी की समस्या का कोई जादुई समाधान उपलब्ध नहीं है और यह धन उत्पन्न करने का सबसे अच्छा और आसान तरीका है और इससे लगभग 1000 करोड़ रुपये प्राप्त हो सकते हैं। वेंकटरमणि आम्रपाली की अधूरी पड़ी आवास परियोजनाओं को पूरा करने के लिए धन जुटाने के लिए पिछले तीन वर्षों में विभिन्न विकल्पों की खोज कर रहे हैं।
पूर्व प्रमोटरों और निदेशकों की संपत्ति की बिक्री से जुटाया जाए पैसा : खरीदार
घर खरीदारों के वकील एमएल लाहोटी ने जोर देकर कहा कि आम्रपाली के पूर्व प्रमोटरों और निदेशकों की संपत्ति की बिक्री से पैसा जुटाया जा सकता है, जिन्होंने फोरेंसिक ऑडिटर की रिपोर्ट के अनुसार पैसों की हेराफेरी की है। उन्होंने कहा कि एफएआर को बेचने के विकल्प का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने सुझाव दिया कि इनसे जुटाई जाने वाली राशि का इस्तेमाल निर्माण कार्य के लिए किया जाएगा। घर खरीदार इसका इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि एफएआर को बेचने से पार्क और अन्य गतिविधियों के लिए कॉमन एरिया में कमी आएगी।
सुविधाओं के लिए कुछ अतिरिक्त क्यों नहीं करते: पीठ ने कहा कि वसूली जल्द ही अमल में नहीं आने वाली है। आप फ्लैट खरीदार के रूप में अतिरिक्त पैसा लगाने को तैयार नहीं हैं और आप यह भी चाहते हैं कि आपके पास जॉगिंग ट्रैक, स्विमिंग पूल, बैडमिंटन कोर्ट आदि होना चाहिए। निर्माण होने पर वित्त की व्यवस्था करनी होगी। अगर खरीदार ऐसी सुविधाएं चाहते हैं तो वे कुछ अतिरिक्त क्यों नहीं करते हैं। आप आम्रपाली घर खरीदारों के समुदाय के सदस्य हैं, इसलिए आपको अन्य लोगों की भी मदद करनी चाहिए जो अभी भी फ्लैटों का कब्जा पाने की बाट जोह रहे हैं।
अचल संपत्ति की समस्या अथॉरिटी की दोषपूर्ण नीति के कारण: लाहोटी की दलील का हवाला देते हुए पीठ ने कहा कि सैद्धांतिक रूप से यह बहुत ही सुखद है लेकिन संभव नहीं है। पीठ ने सुझाव दिया कि घर खरीदारों को कंपनी का प्रबंधन करने के लिए रिसीवर का काम लेना चाहिए। एफएआर की बिक्री की अनुमति वाले आवेदन पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए पीठ ने कहा कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अचल संपत्ति की समस्या अथॉरिटी की दोषपूर्ण नीति के कारण है और कहा कि उन्हें बोझ साझा करने में उदार होना चाहिए।