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यमुना का जलस्तर खतरें के निशान के पार

Admin Delhi 1
16 Aug 2023 9:45 AM GMT
यमुना का जलस्तर खतरें के निशान के पार
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दिल्ली में फिर छाया बाढ़ का खतरा

दिल्ली: हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर जारी है. दोनों राज्यों में बड़े पैमाने पर भूस्खलन हो रहा है, जिसके कारण कई दर्जन घर ढह गए हैं. हिमाचल प्रदेश में अब तक 60 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. वहीं, उत्तराखंड में बाढ़, भूस्खलन और बारिश से जुड़ी घटनाओं में 20 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. दोनों राज्यों में नदियां उफान पर हैं. इसका नतीजा ये हुआ कि अब दिल्ली में भी यमुना नदी खतरे के निशान को पार कर गई है. हिमाचल प्रदेश में गंगा और उत्तराखंड में यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है.

भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश में सभी स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं. सैकड़ों सड़कों पर भूस्खलन के कारण यातायात भी पूरी तरह से ठप हो गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोगों से अपील की है कि वे जलाशयों के पास या फिसलन भरी सड़कों पर न जाएं. उन्होंने यह भी बताया कि दो-तीन महीने से हो रही भारी बारिश और भूस्खलन से हिमाचल प्रदेश को अब तक 10 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है.

दिल्ली में बढ़ा यमुना का जलस्तर

केंद्रीय जल आयोग की वेबसाइट के अनुसार मंगलवार शाम छह बजे तक पुराने लोहे के पुल के पास यमुना का जलस्तर 204.94 मीटर तक पहुंच गया। रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा के यमुनानगर में बने हाथी तालाब से काफी मात्रा में पानी छोड़ा गया है. दिल्ली सरकार के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने कहा है कि नदी के किनारे के निचले इलाकों में फिर से बाढ़ आ सकती है.

हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में 16 और 17 अगस्त को सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे. सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए हैं जिनमें देखा जा सकता है कि घर ढह रहे हैं. बादल फटने से कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. इसके अलावा ब्यास और कई अन्यनदियां उफान पर हैं. हिमाचल प्रदेश के सीएम ने अधिकारियों को फंसे हुए लोगों की मदद करने और उन्हें प्रभावित इलाकों से सुरक्षित निकालने का निर्देश दिया है.

उत्तराखंड में भी तबाही मची है

उत्तराखंड में भी भारी बारिश ने कहर बरपाया है. अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है और कई दर्जन लोग घायल भी हुए हैं. उत्तराखंड में सोमवार को रेड अलर्ट जारी किया गया। वहीं, अलकनंदा, मंदाकिनी और गंगा नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. इससे ऋषिकेश और हरिद्वार में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं।

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