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एनसीआर नॉएडा न्यूज़: कहते हैं कि शीर्ष पद पर बैठा हुआ कोई एक व्यक्ति भी सिस्टम को ठीक करने की ठान ले तो खराब से खराब सिस्टम भी ठीक किया जा सकता है। ऐसा ही एक उदाहरण उत्तर प्रदेश के यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण का है। मात्र 8 साल पहले यह प्राधिकरण इस कदर कर्जों में डूब गया था कि सबको लगने लगा था कि यह प्राधिकरण कंगाल होकर बंद हो जाएगा। यानि सरकार को इस प्राधिकरण को भंग ही कर देना पड़ेगा। इस प्राधिकरण के वर्तमान मुख्य कार्यपालक अधिकारी डा. अरूणवीर सिंह ने कुछ ऐसा कर दिखाया है कि अब यह प्राधिकरण कर्ज नहीं लेता, बल्कि प्राधिकरण के ऊपर धन की वर्षा हो रही है।
सब जानते हैं कि 24 अप्रैल 2001 को यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की स्थाना हुई थी। वर्ष 2015—16 आते आते यह प्राधिकरण पूरी तरह कर्जे में डूब गया था। हालत यह थी कि प्राधिकरण के कर्मचारियों के वेतन देने तक के लिए प्राधिकरण के पास पैसे नहीं होते थे। तत्कालीन अधिकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन देने व रोजमर्रा के खर्चों के लिए बार बार बैंकों से कर्ज लेते रहते थे। प्राधिकरण पर हजारों करोड़ रुपये के कर्जें चढ़ गए थे। अब स्थिति पूरी तरह उलट गई है। वित्तीय वर्ष 2022—23 में इस प्राधिकरण को किसी भी बैंक से एक रुपया तक कर्जा नहीं लेना पड़ा है।
प्राधिकरण के अंतरंग सूत्रों का दावा है कि चालू वित्त वर्ष में प्राधिकरण पर धन की अपार वर्षा हुई है। इस वर्ष में प्राधिकरण को 1715.59 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। राजस्व की यह प्राप्ति प्राधिकरण के इतिहास में मील का पत्थर साबित हो रही है। अब से पहले इस प्राधिकरण को इतना धन कभी भी प्राप्त नहीं हुआ था। वित्तीय 2021 व 22 में प्राधिकरण को 404 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है। पिछले मात्र 4 वर्षों में अपनी आर्थिक स्थिति को प्राधिकरण ने इतना सुद्ढ बना लिया है कि जो लोग यह कह रहे थे कि यमुना प्राधिकरण ठप हो जाएगा, वें ही लोग अब कह रहे हैं कि यही हाल रहा तो यमुना विकास प्राधिकरण देश का सबसे धनी प्राधिकरण बन जाएगा।
यमुना विकास प्राधिकरण की सफलता की इस पूरी कहानी का श्रेय यहां के वर्तमान मुख्य कार्यपालक अधिकारी डा. अरूणवीर सिंह को दिया जाता है। तमाम विश्लेषक अरुणवीर सिंह को विकास पुरूष की संज्ञाा देते हैं। उनके नेतृत्व में यमुना क्षेत्र में रोज विकास की नई इबारत लिखी जा रही है। देश का सबसे बड़ा प्रस्तावित हवाई अड्डा जेवर एयरपोर्ट हो अथवा यहां प्रस्तावित अब तक की सबसे बड़ी फिल्म सिटी हो या फिर दर्जनों दूसरी योजनाएं पूरे देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर के निवेशकों की निगाहें यमुना प्राधिकरण क्षेत्र पर टिकी हुई है।