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यमुना अथॉरिटी जमीन बेचकर करोड़पति बनने वाले लोगों पर जल्द कसेगा शिकंजा
एनसीआर नॉएडा न्यूज़: बुलंदशहर जिले के वैलाना गांव के किसानों से कौड़ियों के भाव जमीन खरीदकर यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी को करोड़ों रुपए में बेचने वालों पर जल्दी गाज गिरने वाली है। इस जमीन खरीद घोटाले में शामिल यमुना अथॉरिटी के अधिकारी भी नपने वाले हैं। जमीन बेचकर करोड़पति बनने वाले लोगों पर जल्द शिकंजा कसेगा। यह जमीन यमुना अथॉरिटी के अधिसूचित एरिया से बाहर है, लेकिन नियमों को ताक पर रखकर जमीन खरीदी गई थी। आपको बता दें कि इसी घोटाले में यमुना अथॉरिटी के तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी पीसी गुप्ता जेल जा चुके हैं।
मनमाने ढंग से जमीन की कीमत बढ़ाते गए अफसर: जमीन खरीदने का खेल इतने तक ही नहीं थमा। एक ही गांव में एक ही स्थान पर अलग-अलग रेट पर जमीन खरीदी गई। पहली बार जमीन 990 रुपये प्रतिवर्ग मीटर की दर से खरीदी गई। इसके बाद 1,254 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से खरीदी गई। तीसरी बार जमीन 1,896 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से खरीदी गई। मामला जमीन खरीद तक ही नहीं थमा। इस जमीन की खरीद में अथॉरिटी ने साढे तीन करोड़ रुपए स्टांप डयूटी और 14 लाख रुपये रजिस्टेशन मनी पर खर्च कर दिए।
घोटाले में इन अधिकारियों की आ सकती है शामत: जमीन खरीदने के लिए अलग से अथॉरिटी में एक समिति होती है। जिसमें उच्च अधिकारियों के साथ प्लानिंग, प्रॉजेक्ट, लैंड और राजस्व विभाग से जुडे अफसर शामिल होते हैं। यह जमीन मास्टर प्लान से बाहर खरीदी गई। इस जमीन की जांच सीएजी ने की है। अब मामले का खुलासा हुआ है। सीएजी की रिपोर्ट विधानसभा में पटल पर रखी जाएगी। आपको बता दें कि पिछले सप्ताह ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से जुड़ी सीएजी की रिपोर्ट विधानसभा में पेश की जा चुकी है। इस घोटाले के लिए जिम्मेदार अफसर जल्दी जेल जा सकते हैं। इस मामले में एफआईआर दर्ज है। पुलिस जांच कर रही है।