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बयानों की बमबारी, छिड़ी सियासी जंग में दिल्ली और केंद्र के बीच कुश्ती जारी

Admin4
19 Aug 2022 11:54 AM GMT
बयानों की बमबारी, छिड़ी सियासी जंग में दिल्ली और केंद्र के बीच कुश्ती जारी
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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

Rohingya Row : उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस बारे में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर कहा है कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार को अंधेरे में रखकर रोहिंग्याओं को आवास देने की साजिश रची जा रही है। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने पहले इस फैसले की तारीफ की, लेकिन फिर यू-टर्न ले लिया।

दिल्ली के मदनपुर खादर से बक्करवाला के फ्लैटों में रोहिंग्याओं को भेजने से जुड़े मामले पर दूसरे दिन बृहस्पतिवार को भी सियासी घमासान मचा रहा। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस बारे में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर कहा है कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार को अंधेरे में रखकर रोहिंग्याओं को आवास देने की साजिश रची जा रही है। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने पहले इस फैसले की तारीफ की, लेकिन बाद में दिल्ली सरकार के विरोध पर केंद्र सरकार ने यू-टर्न ले लिया। सिसोदिया ने इस मामले पर केंद्र सरकार से रुख स्पष्ट करने की मांग की है। कहा कि अगर केंद्रीय गृह मंत्रालय की सहमति न होने के बाद भी यह फैसला लिया गया तो इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।

मीडिया से बात करते हुए सिसोदिया ने कहा कि रोहिंग्याओं को फ्लैट देने के मसले पर 29 जुलाई को दिल्ली के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। इसमें केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस के अधिकारी भी शामिल थे। इसकी जानकारी दिल्ली की चुनी हुई सरकार को नहीं दी गई। बैठक में जो भी निर्णय लिए गए, उससे संबंधित फाइल मुख्य सचिव ने केंद्र सरकार की औपचारिक मंजूरी के लिए उपराज्यपाल के पास भेजी थी।

सिसोदिया ने कहा कि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा मामला है, ऐसे में केंद्र सरकार इस मामले में अपना रुख स्पष्ट करे। साथ ही दिल्ली की चुनी हुई सरकार से छिपाने की किसी ने भी साजिश रची हो तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इस बात की जांच होनी चाहिए कि केंद्र सरकार में कौन लोग दिल्ली सरकार के अधिकारियों के साथ मिलकर दिल्ली की चुनी हुई सरकार से छिपाकर इस तरह के निर्णय लेने की कोशिश कर रहे थे, किसके कहने पर कर रहे थे और उनकी साजिश क्या थी।

सिसोदिया ने आगे लिखा कि दिल्ली में गृह विभाग का मंत्री होने के नाते उनके लिए यह बेहद चिंता की बात है कि केंद्र सरकार दिल्ली में रोहिंग्याओं को आवास देने जा रही है। गृह विभाग से दस्तावेज मंगवाने पर पता चला कि इसका फैसला 29 जुलाई को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया था। इसमें केंद्र और दिल्ली पुलिस के अधिकारी भी शामिल रहे हैं। उस दस्तावेज से यह भी पता चला कि केंद्र के गृह मंत्रालय के अधीन आने वाली दिल्ली पुलिस के एफआरआरओ के अधिकारियों के अनुरोध पर रोहिंग्याओं को फ्लैट देने के संबंध में पत्र एनडीएमसी को लिखा गया है।

दस्तावेज में हकीकत एकदम उलट

सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार के एतराज के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार शाम ट्वीट कर जाहिर करने की कोशिश की कि रोहिंग्याओं को दिल्ली में स्थायी आवास देने के पीछे केंद्र सरकार की सहमति नहीं है, जबकि दस्तावेज में हकीकत एकदम उलट है। केंद्र सरकार इस दिशा में काफी आगे बढ़ चुकी थी। दूसरी तरफ दिल्ली सरकार इसके खिलाफ है।

अनुराग ठाकुर ने केजरीवाल सरकार को घेरा

रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने केजरीवाल सरकार पर हमला बोला। उन्होंने आप सरकार को घुसपैठियों की सरकार कहा। ठाकुर ने आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री रोहिंग्या को मुफ्त मकान देना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने दिल्ली सरकार की ओर से एनडीएमसी को जून में लिखी चिट्ठी भी सार्वजनिक की और कहा दिल्ली सरकार मुफ्त रेवड़ियां बांट रही है।

केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया की केजरीवाल के विधायक दिल्ली सरकार की शह पर रोहिंग्या को मुफ्त पानी बिजली और राशन दे रहे हैं। केंद्र सरकार और गृह मंत्री सदन में भी स्पष्ट कर चुके हैं कि घुसपैठिये घुसपैठिये ही रहेंगे, जो जिस देश का है, उसे वहां भेजा जाएगा। इसके लिए सरकार संबंधित देशों से बात कर रही है। रोहिंग्या के लिए केंद्र ने दिल्ली सरकार को निर्वासन केंद्र भी बनाने के लिए कहा था, लेकिन दिल्ली सरकार की ऐसी मजबूरी क्या है जो अब तक उसे लेकर सरकार ने कुछ भी नहीं किया है। दरअसल दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने बुधवार को आरोप लगाया था कि भाजपा शासित केंद्र सरकार राष्ट्रय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में रोहिंग्या शरणार्थियों को गुपचुप तरीके से स्थायी आवास देने की कोशिश कर रही है।

रोहिंग्या को मुफ्त बिजली पानी, हिंदू शरणार्थियों को टेंट भी नहीं : भाजपा

दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) पर आरोप लगाया है कि देश की सुरक्षा के लिए खतरा बने रोहिंग्या-बांग्लादेशियों को उन्होंने दिल्ली में बसाया है। साथ ही उनको बिजली व पानी समेत दूसरी सुविधाएं मुफ्त में दी हैं। गुप्ता ने सवाल किया है कि दिल्ली सरकार देश-विरोधियों का समर्थन क्यों कर रही है?

मीडिया से बातचीत में गुप्ता ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार बीते आठ सालों से रोहिंग्याओं को शरणार्थी बताकर गैर-कानूनी ढंग से बसा रही है। उनको बिजली, पानी की मुफ्त सुविधा के साथ ही राशनकार्ड बनाने में भी मदद कर रही है जबकि रोहिंग्या देश में घुसपैठिए हैं। इसके उलट पाकिस्तान से आए हिन्दू शरणार्थियों के कैंप को आज तक न मुफ्त बिजली दी और न पानी। उन्होंने कहा कि भाजपा की स्पष्ट नीति है कि देश की सुरक्षा पहले है।

दिल्ली सरकार रोहिंग्याओं की पहचान कर इसकी जानकारी केंद्र को दे। इसके उलट केजरीवाल सरकार देश विरोधी ताकतों का साथ देने में लगी है। केजरीवाल ने दिल्ली के झुग्गीवासियों को सही तरीके से बसाने और उन्हें मकान देने की कभी मांग नहीं की, लेकिन रोहिंग्या को बसाने की सिर्फ मांग ही नहीं कर रहे बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सिंचाई विभाग की जमीन से बेदखल किए जाने के बाद उन्हें दिल्ली की सरकारी जमीन पर पनाह देने का काम भी कर रहे हैं।

भाजपा ने विशेष सत्र बुलाने की मांग की

भाजपा विधायक विजेन्द्र गुप्ता ने रोहिंग्या को दिल्ली से बाहर निकालने के मुद्दे पर दिल्ली सरकार से विधान सभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में एनआरसी लागू कर रोहिंग्याओं को देश से निकालने में केंद्र सरकार की मदद करनी चाहिए।

हिंदू शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए सरकारी विभागों को सिफारिश करेगा महिला आयोग

रोहिंग्याओं को बसाने पर छिड़े विवाद के बीच पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों की सुध लेने की पहल हुई। दिल्ली महिला आयोग ने एलान किया कि पाकिस्तान से आई महिलाओं और बाल हिंदू शरणार्थियों की दुर्दशा पर अध्ययन शुरू किया है। कई साल से मजनू का टीला में हिंदू शरणार्थी दयनीय स्थिति में रह रहे हैं। उनके पास आवास, पानी का कनेक्शन, बिजली, शौचालय और आजीविका के उचित साधनों का अभाव है।

आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बताया कि कई सरकारी विभागों की ओर से हिंदू शरणार्थियों की परेशानियों के समाधान के लिए उठाए गए कदमों का पता लगाने के लिए उनको नोटिस जारी किया जाएगा। आयोग मजनू का टीला में रहने वाले हिंदू शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए सरकारी विभागों को भी सिफारिश करेगा। इनके पास कच्चे घर हैं, जिनमें मानसून के दौरान रहना और भी मुश्किल हो जाता है।

अक्सर घरों में सांप-बिच्छू घुस जाते हैं। शौचालय नहीं होने के कारण खुले में शौच के लिए मजबूर हैं। बिजली और पानी की कमी से यह क्षेत्र रहने के काबिल नहीं है। आजीविका के पर्याप्त अवसर भी नहीं हैं। उन्हें आज तक नागरिकता प्रदान नहीं की गई है। हम दिल्ली सरकार के साथ भारत सरकार को उनकी स्थिति में सुधार के लिए सिफारिशें देंगे।

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