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आईवीएफ सेंटर में फर्जी डॉक्टर की लापरवाही से ब्रेन डेड होने के बाद महिला की गई जान, पुलिस ने मालिक को किया गिरफ़्तार

Admin Delhi 1
2 Sep 2022 6:18 AM GMT
आईवीएफ सेंटर में फर्जी डॉक्टर की लापरवाही से ब्रेन डेड होने के बाद महिला की गई जान, पुलिस ने मालिक को किया गिरफ़्तार
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एनसीआर नॉएडा क्राइम न्यूज़: ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थित Creation World IVF Center के मालिक ने फर्जी एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी। इस बात का खुलासा एक महिला और उसके पेट मे पल रहे बच्चे की मौत के बाद चला। फर्जी डॉक्टर की लापरवाही से आईवीएफ सेंटर में ब्रेन डेड होने के बाद महिला की जान चली गई। इस मामले में ग्रेटर नोएडा पुलिस ने फर्जी एमबीबीएस डॉक्टर को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। वहीं, दूसरी ओर इस मामले के बाद पीड़ित परिवार सदमे में है।

महिला के पेट में पल रहा था 2 महीने का बच्चा: गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट के मीडिया प्रभारी पंकज कुमार ने बताया कि बीते 19 अगस्त 2022 को ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बिसरख कोतवाली क्षेत्र में स्थित क्रिएशन वर्ल्ड आईवीएफ सेंटर में वसुंधरा गाजियाबाद की रहने वाली ललिता देवी अपना इलाज करवाने आई थीं। ललिता देवी के पेट में 2 महीने का बच्चा था और इसको लेकर इलाज इसी सेंटर में चल रहा था।

प्रियरंजन ठाकुर की लापरवाही से कोमा में चली महिला: इस घटना को लेकर ललिता के पति चंद्रभान ने पुलिस को शिकायत देते हुए बताया कि आईवीएफ के मालिक प्रियरंजन ठाकुर राजेंद्र नगर (साहिबाबाद) का निवासी है। उसकी घोर लापरवाही से उनकी पत्नी कोमा में चली गई। इस मामले में उन्होंने थाना बिसरख में मुकदमा पंजीकृत करवाया। इस मामले में पुलिस आगे की वैधानिक कार्रवाई कर रही थी और महिला को इलाज के लिए ग्रेटर नोएडा वेस्ट के यथार्थ अस्पताल में एडमिट कराया गया। जहां उनकी मौत हो गई।

भूपेंद्र नारायण यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री मिली: 26 अगस्त को अस्पताल में इलाज के दौरान महिला ललिता की मौत हो गई। मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने एक्शन लिया और प्रियरंजन ठाकुर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा लगाई। पुलिस ने इस मामले में सबूत इकट्ठा करके छानबीन की तो पता चला कि आईवीएफ सेंटर के मालिक प्रियरंजन ठाकुर ने एमबीबीएस की फर्जी डिग्री प्राप्त की है। यह फर्जी डिग्री आरोपी डॉक्टर ने वर्ष 2005 में भूपेंद्र नारायण यूनिवर्सिटी बिहार से प्राप्त की थी। जांच में यह भी पता चला है कि भूपेंद्र नारायण यूनिवर्सिटी ने इस तरीके की कोई भी डिग्री जारी नहीं की है।

साभार - मयंक तंवर

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