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दिल्ली नगर निगम चुनावों में जीत के साथ चुनौतियां भी बड़ी होंगी
दिल्ली न्यूज़: दिल्ली नगर निगम चुनावों की मतगणना में भी अगर उसी तरह के परिणाम आए जैसे कि एग्जिट पोल में बताए गए हैं, तो यह आम आदमी पार्टी के लिए बड़ी जीत होगी। लेकिन, जीत के साथ चुनौतियां भी बड़ी होंगी। अगर परिणाम भाजपा के पक्ष में आते हैं तो उसके लिए तो और भी बड़ी चुनौती होगी। क्योंकि, फिर उसे काम करके दिखाना होगा और वर्ष 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन के लिए जनता के बीच खुद को साबित करना होगा। अब आप अपनी लोक कल्याण योजना 'मुफ्त बिजली- पानी' के प्रभाव से दिल्ली के मतदाताओं के बीच पहली पसंद बन गई है। इसी पसंद का नतीजा है कि एग्जिट पोल में उसे निगम की बंपर सीटें मिली हैं। निगम में सरकार बनाने के बाद आप को केंद्र सरकार, जिसके गृह मंत्रालय के अधीन सीधे तौर पर दिल्ली नगर निगम आता है और दिल्ली के उपराज्यपाल दोनों से समन्वय स्थापित करना सबसे बड़ी जरूरत होगी। तकरार की आशंकाओं के बीच ऐसा करना बड़ी चुनौती होगी। क्योंकि, केंद्र में भाजपा सरकार है और उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के काम करने का तरीका आम आदमी पार्टी के तरीके से मेल नहीं खाता।
कूड़े के पहाड़ गायब करना बड़ा टास्क: आप मुखिया अरविंद केजरीवाल ने दस गारंटियां दी हैं। जिनको पूरा करके दिखाना है। इनमें सबसे बड़ा काम है कूड़े के पहाड़ों को दिल्ली से गायब करना। जिसका वादा आम आदमी पार्टी ने लोगों से किया है। विदेशी तकनीक को लाना और उसे कूड़े के पहाड़ हटाने में लगाना, इसके लिए आप को अपनी कमर कुछ ज्यादा ही कसनी होगी। इसके साथ ही दो करोड़ आबादी वाली दिल्ली को कूड़ा मुक्त यानी सफाई चकाचक करने का काम भी बड़ा है। ऐसा नहीं है कि ये काम हो नहीं सकते और आप ने कर लिया तो उसे इसका बड़ा श्रेय भी मिलेगा।
डबल इंजन तो होगा, लेकिन...
आप के नेताओं ने यह कहा है कि दिल्ली विधानसभा में आप की सरकार के साथ निगम में भी अगर आप की सरकार होगी तो डबल इंजन की ताकत से काम होगा। प्रचार में आप ने नारा भी दिया था 'केजरीवाल की सरकार, केजरीवाल का पार्षद'। कई मायने में ऐसा होगा भी, जैसे दिल्ली सरकार से सहजता के साथ धन मिले और उसका उपयोग सही ढंग से हो, इसकी पूरी जिम्मेदारी आप पर ही होगी। लेकिन, जब बात केंद्र से धन मिलने की होगी तो कहीं ना कहीं मामला फंसेगा। क्योंकि, दिल्ली सरकार केंद्र की भाजपा सरकार पर सहयोग नहीं किए जाने की बात कहती रही है। इस मामले में स्थिति पहले जैसी ही रहेगी। उल्टा, निगम में आप के आने इसके और जटिल होने की आशंका भी है।
कुल मिलाकर, दिल्ली की जनता को गलियां और सड़कें साफ-सुथरी चाहिए। निगम की सेवाओं की सुलभता चाहिए और भ्रष्टाचार से पिंड छूटना चाहिए। दिल्ली विधानसभा और दिल्ली नगर निगम दोनों में सत्ता होने पर आप के कंधों पर यह बड़ी जिम्मेदारी आ जाएगी। जिसे आप बखूबी पूरा करेगी, इसकी उम्मीद दिल्ली वालों ने अरविंद केजरीवाल से लगा रखी है।