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जो तिहाड़ में हो रहे हैं तार-तार, कैदियों की जिंदगी के भी नियम होते हैं
न्यूज़ क्रेडिट: अमरउजाला
जेल में भीड़ को देखते हुए नरेला और बापरौला में दो जेल परिसर का निर्माण प्रस्तावित है। इसमें नरेला में जेल बनने के लिए जमीन आवंटित कर दिया गया है। अगले साल से जेल का निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना है।
तिहाड़ की जेलों में कैदियों की संख्या दो गुनी हो गई है। तिहाड़ परिसर में स्थित नौ जेलों में क्षमता से ढ़ाई गुना अधिक कैदी है। वहीं मंडोली जेल में क्षमता से दो गुना अधिक कैदी बंद हैं। सूचना के अधिकार के तहत जेल प्रशासन ने इस बात की जानकारी दी है।
प्रशासन ने बताया कि तिहाड़ परिसर में स्थित कैदियों की क्षमता 52 सौ है, वहीं अभी इन जेलों में 13383 कैदी बंद हैं। वहीं मंडोली परिसर में स्थित छह जेलों में 1050 कैदियों को रखने की क्षमता है लेकिन इन जेलों में 2037 कैदी हैं। इसी तरह रोहिणी जेल की क्षमता 3776 है। जबकि यहां पर 4355 कैदी बंद हैं।
जेलों की संख्या बढ़ने के बाद भी कैदियों की संख्या में कमी नहीं
तिहाड़ परिसर में अभी सबसे ज्यादा कैदी बंद हैं वहीं रोहिणी में कैदियों के हिसाब से कम दवाब है। कैदियों के लिए पहले केवल तिहाड़ जेल परिसर था। लेकिन कैदियों की संख्या बढ़ने के बाद रोहिणी और मंडोली जेल का निर्माण किया गया। लेकिन जेलों की संख्या बढ़ने के बाद भी कैदियों की संख्या में कोई कमी नहीं आई।