दिल्ली-एनसीआर

दिल्ली के सरकारी स्कूल में रहेगा शीतकालीन अवकाश

Bhumika Sahu
28 Dec 2021 1:19 AM GMT
दिल्ली के सरकारी स्कूल में रहेगा शीतकालीन अवकाश
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कड़ाके की सर्दी के बीच दिल्ली सरकार ने शीतकालीन अवकाश की घोषणा की है. दिल्ली के सरकारी स्कूलों में एक जनवरी से 15 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश रहेगा.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजधानी में दिल्ली सरकार के पांचवीं कक्षा तक के स्कूल (Delhi School) एक जनवरी से 15 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश के तहत बंद रहेंगे (Winter Break). इस संबंध में शिक्षा निदेशालय (DoE) ने सोमवार को सर्कुलर जारी किया. डीओई के एक सर्कुलर में कहा गया है कि इस अवधि के दौरान कोई भी ऑनलाइन या ऑफलाइन शिक्षण शिक्षण गतिविधि आयोजित नहीं की जा सकती है.

हालांकि, डीओई ने कहा कि छात्रों की लर्निंग को मजबूत करने में मदद करने के लिए, अब तक कवर किए गए शैक्षणिक सत्र के 2021-22 के सलेबस को इस दौरान ब्रेक थ्रू असाइनमेंट के जरिए रिवाइस किया जाएगा. सर्कुलर में कहा गया है: "सर्वोदय विद्यालयों (Sarvodaya Vidyalayas) के सभी प्रमुखों को सूचित किया जाता है कि प्री-प्राइमरी और प्राइमरी कक्षाओं (Pre Primary and Primary Classes) के लिए शीतकालीन अवकाश 1-15 जनवरी, 2022 से मनाया जाएगा और वर्कशीट के माध्यम से ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षण गतिविधियों को नहीं किया जाएगा.
आंतरिक मूल्यांकन में गिना जाएगा असाइनमेंट
"हालांकि, छात्रों को अपने सीखने को मजबूत करने में मदद करने के लिए, अब तक कवर किए गए शैक्षणिक सत्र 2021-22 के पाठ्यक्रम को असाइनमेंट के माध्यम से इस ब्रेक के दौरान रिवाइस किया जाना है. डीओई ने कहा कि शीतकालीन अवकाश असाइनमेंट या गतिविधियों के मूल्यांकन रिकॉर्ड को "ईमानदारी से बनाए रखा जाना चाहिए क्योंकि वह आंतरिक मूल्यांकन (internal assessment) के लिए गिना जाएगा."
शीतकालीन अवकाश के बाद प्रत्येक छात्र पर व्यक्तिगत दिया जाएगा ध्यान
डीओई ने कक्षा शिक्षकों को अपनी-अपनी कक्षाओं के छात्रों की ताकत और कमजोरियों को नोट करने का भी निर्देश दिया, ताकि शीतकालीन अवकाश के बाद प्रत्येक छात्र पर व्यक्तिगत ध्यान दिया जा सके. कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले और प्रदूषण की स्थिति काफी चिंताजनक है. यही वजह है कि सरकार ने अब तक 5वीं तक के स्कूलों को 15 दिनों तक बंद रखने का फैसला लिया है. वहीं दिल्ली में इन दिनों कड़ाके की सर्दी पड़ रही है. शीतलहर और कोहरे से बुरा हाल है. ऐसे में छोटे बच्चों को ध्यान में रख कर यह फैसला लिया गया.


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