- Home
- /
- दिल्ली-एनसीआर
- /
- परिचालन के हर पल की...
न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
मेट्रो भवन मुख्यालय में नए संचालन नियंत्रण केंद्र (ओसीसी) के निर्माण के लिए निविदाएं मंगाई गई हैं। फेज-4 के तहत निर्माणाधीन कॉरिडोर की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए केंद्रीकृत नियंत्रण कक्ष का निर्माण किया जा रहा है।
दिल्ली मेट्रो फेज-4 के तीनों कॉरिडोर पर मेट्रो का परिचालन मेट्रो भवन के संचालन नियंत्रण कक्ष (ओसीसी) से किया जाएगा। इसके जरिये फेज-4 के तीनों कॉरिडोर पर परिचालन के हर पल की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।
खास बात यह है कि तीनों कॉरिडोर पर चालक रहित मेट्रो चलाई जाएंगी। मानवीय हस्तक्षेप के बगैर मेट्रो के परिचालन में इस नियंत्रण कक्ष की बेहद अहम भूमिका होगी। दिल्ली मेट्रो फेज-4 के तीन कॉरिडोर पर 61 किलोमीटर से अधिक के दायरे में निर्माण कार्य चल रहा है। इनमें आरके आश्रम-जनकपुरी (पश्चिम), तुगलकाबाद-एयरोसिटी और मौजपुर-मजलिस पार्क के बीच मेट्रो का परिचालन किया जाएगा। यात्रियों को सुरक्षित और बेहतर सफर का मौका देने के लिए तीनों कॉरिडोर पर चालक रहित मेट्रो चलाने का निर्णय लिया गया है। इससे पहले भी दो लाइनों पर ड्राइवरलेस मेट्रो का परिचालन शुरू किया गया है।
तकनीक और एएफसी गेट में बदलाव
सिग्नलिंग को बेहतर करने के साथ ही तकनीकी अपग्रेडेशन और एएफसी गेट में भी जरूरी बदलाव किए जा रहे हैं। चालक रहित मेट्रो चलाने के लिए सीबीटीसी (कम्यूनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल) सिस्टम और आई-एटीएस तकनीक का भी इस्तेमाल किया जाएगा। मेट्रो परिचालन में सुरक्षा के लिहाज से कोई कमी न रहे इसलिए एक अलग ओसीसी तैयार किया जाएगा। इससे मेट्रो के परिचालन में दिक्कत आने पर तत्काल जानकारी मिल सकेगी। अगर मेट्रो परिचालन में कोई बाधा आ रही है तो तत्काल दूर कर, दोबारा परिचालन शुरू किया जाएगा। इससे फेज-4 के तीनों कॉरिडोर पर यात्राएं और सुरक्षित और त्वरित होंगी।
2023 तक पूरा कर लिया जाएगा निर्माण कार्य
मेट्रो भवन मुख्यालय में नए संचालन नियंत्रण केंद्र (ओसीसी) के निर्माण के लिए निविदाएं मंगाई गई हैं। फेज-4 के तहत निर्माणाधीन कॉरिडोर की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए केंद्रीकृत नियंत्रण कक्ष का निर्माण किया जा रहा है। सिविल कार्य में मुख्य रूप से नई मंजिल का निर्माण (एमएस संरचना और स्लैब कास्टिंग का निर्माण), कार्य स्टेशनों की स्थापना, मॉनिटर, पैनलिंग सहित दूसरे कार्य भी किए जाएंगे। इसे 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा ताकि मेट्रो के परिचालन की राह में कठिनाई नहीं हो। वर्तमान में तीन ओसीसी हैं और इनमें दो मेट्रो भवन में जबकि एक शास्त्री पार्क में है।