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क्यों BJP का सिरदर्द बढ़ा सकती है कुश्ती संघ की लड़ाई

Admin Delhi 1
21 Jan 2023 3:15 PM GMT
क्यों BJP का सिरदर्द बढ़ा सकती है कुश्ती संघ की लड़ाई
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नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों के मामले ने सियासी गलियारे में भी खलबली मचा रखी है। भले ही केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से बातचीत के बाद पहलवानों ने फिलहाल प्रदर्शन स्थगित कर दिया है, लेकिन आने वाले दिनों में ये विवाद और तूल पकड़ सकता है। इस पूरे विवाद में भारतीय जनता पार्टी का सिरदर्द बढ़ सकता है।

ऐसे में आइए जानते हैं कि इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ? कितने खिलाड़ी बृजभूषण के खिलाफ हैं और कितने उनके पक्ष में? भाजपा के लिए क्यों यह विवाद सिरदर्द बढ़ाने वाला है?

जानिए अब तक क्या-क्या हुआ?

बुधवार (18 जनवरी) को बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक सहित करीब 30 पहलवान धरने पर बैठ गए। उन्होंने भारतीय कुश्ती संघ को भंग करने की मांग की। पहलवानों ने आरोप लगाया कि अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कई कोच ने महिला खिलाड़ियों का यौन शोषण किया है।

खिलाड़ियों द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद बृजभूषण शरण सिंह मीडिया के सामने आए। उन्होंने सभी आरोपों को खारिज किया। बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि अगर आरोप सही साबित हुए तो मैं फांसी पर लटक जाऊंगा। साथ ही उन्होंने खिलाड़ियों पर ट्रायल में भाग नहीं लेने के आरोप लगाए। बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि हाल ही में बजरंग और साक्षी मुझसे मिलकर गए, तब कोई समस्या नहीं थी।

प्रदर्शनकारी खिलाड़ियों को कांग्रेस के साथ-साथ वाम दलों, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी का भी समर्थन मिला है। दिल्ली की पालम 360 खाप पंचायत के प्रधान सुरेंद्र सिंह सोलंकी ने भी पहलवानों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, इस मामले में कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष को तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे देना चाहिए। सरकार को उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए। ऐसा निष्पक्ष जांच के लिए जरुरी है। जंतर-मंतर पर जो खिलाड़ी बैठे हैं। वे यूं ही किसी पर आरोप नहीं लगा सकते। उनकी भी अपनी साख है।

20 जनवरी को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रदर्शनकारी (demonstrator) पहलवानों के साथ लंबी बातचीत की। इसके बाद उन्होंने एलान किया कि इस मामले की जांच होगी और तब तक कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह अपने पद से हट जाएंगे। इसके बाद प्रदर्शनकारी पहलवानों ने भी अपने प्रदर्शन को रोकने का एलान कर दिया। बैठक के बाद पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा, केंद्रीय खेल मंत्री ने हमारी मांगों को सुना और उचित जांच का आश्वासन दिया है। मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं और हमें उम्मीद है कि निष्पक्ष जांच होगी, इसलिए हम विरोध वापस ले रहे हैं।

क्यों bjp का सिरदर्द बढ़ा सकती है ये लड़ाई?

अगले साल देशभर में लोकसभा चुनाव होना है। इसके ठीक बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव भी है। बृजभूषण सिंह (Brij Bhushan Singh) के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले ज्यादातर खिलाड़ी हरियाणा से ही हैं। अब हरियाणा की खाप पंचायतों ने भी इन पहलवानों का समर्थन कर दिया है। किसान संगठन भी इनके समर्थन में उतर आए हैं। प्रदर्शनकारी ज्यादातर खिलाड़ी जाट समुदाय से आते हैं। यही कारण है कि अब भाजपा के खिलाफ ये राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है।

राजनीतिक विश्लेषक प्रो. अजय कुमार सिंह कहते हैं, किसान आंदोलन (farmer's movement) के समय भी बड़ी संख्या में जाट समुदाय के लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। अब एक बार फिर से यही माहौल बनता दिख रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खाप पंचायतें भी पहलवानों के समर्थन में उतर आईं हैं। ऐसे में अगर समय रहते इसे निस्तारित नहीं किया गया तो आने वाले चुनावों में भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। अगर हरियाणा की खाप पंचायतों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया तो सबसे ज्यादा नुकसान भाजपा को ही उठाना पड़ेगा। तब ये जातिगत विवाद भी हो जाएगा।

वहीं, बृजभूषण सिंह भी पूर्वांचल के बाहुबली नेता हैं। बृजभूषण ठाकुर (Brij Bhushan Singh) बिरादरी से आते हैं और इस वर्ग के वोटर्स के बीच इनकी अच्छी पैठ मानी जाती है। बृजभूषण खुद छह बार के सांसद रह चुके हैं। उनकी पत्नी भी सांसद रह चुकी हैं। उनके बेटे प्रतीक भी दो बार से विधायक हैं। ऐसे में अगर बृजभूषण पर कार्रवाई होती है तो यूपी में ठाकुर वोटर्स नाराज हो सकते हैं। पूर्वांचल में समीकरण भी बिगड़ सकता है। वहीं, अगर कार्रवाई नहीं होती है तो हरियाणा और पश्चिमी यूपी के जाट नाराज हो सकते हैं।

किस-किस खिलाड़ी ने विरोध प्रदर्शन (Protest.) को दिया समर्थन?

बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, गीता फोगाट, महावीर फोगाट, अंशु मलिक, रवि दहिया, दीपक पूनिया ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन किया है। इसके अलावा ओलंपिक में देश को बॉक्सिंग में पदक दिलाने के बाद कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़ने वाले विजेंदर सिंह ने भी पहलवानों का साथ दिया है। उन्होंने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। कांग्रेस विधायक और पूर्व ओलंपियन कृष्णा पूनिया ने खिलड़ियों के समर्थन में जयपुर में प्रदर्शन किया।

बृजभूषण (Brijbhushan) के समर्थन में कौन से खिलाड़ी

कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के समर्थन में भी खिलाड़ी सामने आए हैं। अंतरराष्ट्रीय (international) पदक विजेता पहलवान नरसिंह यादव ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह का पक्ष लिया है। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष जी ने कुछ गलत नहीं किया है। नरसिंह का मानना है कि उनके खिलाफ साजिश हो रही है। इससे पहले रेसलर दिव्या काकरान, पूर्व रेसलर अलका तोमर ने भी बृजभूषण सिंह के पक्ष में बयान दिए। यूपी कुश्ती संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दिनेश सिंह कहते हैं, 'जो लोग वर्तमान अध्यक्ष की तारीफ करते नहीं थकते थे। आज उन्हीं के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए तैयार हैं। अपने तुच्छ स्वार्थ के लिए इतना घृणित कार्य करना किसी खिलाड़ी के लिए अशोभनीय है।'

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