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पीड़ितों को दिए गए मुआवजे को बढ़ाने की याचिका, हाईकोर्ट पर सुनवाई करते हुए

न्यूज़क्रेडिट:न्यूज़18
नई दिल्ली. राजधानी में एक साल पहले उत्तर पूर्वी इलाके में हुई सांप्रदायिक हिंसा के पीड़ितों को दी जाने वाली मुआवजा राशि बढ़ाने के मामले में मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार ने योजना के अनुसार कोई मुआवजा प्रदान नहीं किया है. इस संबंध में अब हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से दावेदारों और अब तक वितरित की गई राशि का विवरण मांगा है.
गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल कर सरकार से सांप्रदायिक हिंसा के पीड़ितों के लिए सहायता योजना के तहत प्रदान की गई 10 लाख रुपये की अंतरिम राशि को बढ़ा कर 15 लाख रुपये का कुल मुआवजा किए जाने की मांग की गई है. मामले की अब हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले दिल्ली सरकार ने दावा किया था कि 2021 में हुई हिंसा के पीड़ितों को 26 करोड़ से ज्यादा का मुआवजा दिया जा चुका है. सरकार के अनुसार 44 मृतकों के परिवारों को 4.25 करोड़ रुपये, 233 घायलों को 1.75 करोड़, 731 घरों को हुए नुकसान पर 8.51 लाख रुपये, 1176 दुकानों को नुकासान के लिए 11.28 करोड़ रुपये दिए गए.
वहीं गाड़ियों व अन्य सामानों के नुकसान पर 12 लोगों को 4.42 लाख रुपये, 22 झुग्गियों के नुकसान पर 5.50 लाख रुपये दिए गए. इसी के साथ हिंसा के दौरान क्षतिग्रस्त हुए तीन स्कूलों के लिए सरकार ने 20 लाख रुपये का मुआवजा दिया था. इन सभी को देखते हुए सरकार ने बताया था कि 2221 हिंसा पीड़ितों को 26 करोड़ 9 लाख 78 हजार 416 रुपये का मुआवजा दिया गया है.
गौरतलब है कि फरीवरी 2021 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़क गई थी. जिसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने हिंसा प्रभावित मौजपुर और जाफराबाद के साथ ही अन्य क्षेत्रों का भी जायजा लिया था और पीड़ितों को हर संभव मदद देने का आश्वासन भी दिया था. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग दहशत में आकर अपने घर छोड़कर चले गए थे. वहीं कई लोग बेघर हो गए थे. सरकार ने इनके रहने और खाने की भी व्यवस्था की थी.